आगरा: ताजमहल ईस्ट गेट के निकट स्थित यू.पी टूरिज्म के होटल ताज खेमा से अजगर रेस्क्यू किया गया। होटल की पार्किंग में खड़े आगरा विकास प्राधिकरण के ई-रिक्शा के बैटरी पैनल में 8 फुट लंबा अजगर देखा गया था। वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने विशाल अजगर को सावधानी से बाहर निकाल रेस्क्यू किया, जिसे वर्तमान में चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।
ताजमहल परिसर के पास मंगलवार सुबह एक अनपेक्षित पर्यटक ने हड़कंप मचा दिया। ताजमहल पूर्वी गेट से महज़ 200 मीटर की दूरी पर स्थित होटल ताज खेमा (यू.पी टूरिज्म) में ए.डी.ए (आगरा विकास प्राधिकरण) के ई-रिक्शा में मंगलवार को 8 फुट लंबा अजगर घुसते हुए देखा गया था।
भयभीत होटल के एक कर्मचारी ने तुरंत पास ही स्थित वन विभाग को जानकारी दी, जिसके बाद वाइल्डलाइफ एसओएस को उनकी हेल्पलाइन (+91-9917109666) पर सूचित किया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट की दो सदस्यीय टीम तुरंत स्थान पर पहुची। टीम ने पाया कि बारिश से आश्रय लेने के प्रयास में अजगर ई-रिक्शा के बैटरी पैनल में घुस गया था। ई-रिक्शा का उपयोग पर्यटकों को ताजमहल तक लाने ले जाने के लिए किया जाता है।
आवश्यक उपकरणों का उपयोग करते हुए, वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने बैटरी पैनल खोला और विशालकाय अजगर को सावधानीपूर्वक पकड़ने के लिए टीम ने पहले बैटरी को बाहर निकाला। अजगर वर्तमान में चिकित्सकीय निगरानी में है और एक बार फिट करार दिए जाने के बाद वापस प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हालांकि अजगर ज़हरीले नहीं होते, लेकिन उन्हें अत्यधिक सावधानी के साथ पकड़ना चाहिए, क्योंकि खतरा महसूस होने पर वे काट सकते हैं। हमारी रेस्क्यू टीम सावधानी के साथ ऐसे संवेदनशील ऑपरेशन को संभालने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित है।”
बैजूराज एम.वी, डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एसओएस ने कहा, “बारिश की शुरुआत के साथ शहरी छेत्रों में पाए जाने वाले सांपों की संख्या में काफी वृद्धि होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरीसृप आश्रय के लिए सूखी और ठंडी जगहों की तलाश में बाहर आते हैं। हम ताज खेमा होटल के कर्मचारियों के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने अजगर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस से तुरंत संपर्क साधा।”
एक अन्य घटना में, एनजीओ ने सिकंदरा में एक सड़क किनारे नाले से 6 फुट लंबे अजगर को भी बचाया एवं शास्त्रीपुरम स्थित लिटिल जीनियस पब्लिक स्कूल से एक वुल्फ स्नेक को भी बचाया।