यूपी के विभाजन को लेकर CM योगी ने कहा, यूनाइटेड रहने में ही हमारी ताकत, पहचान और सम्‍मान है

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लखनऊ: यूपी के सियासी गलियारों में अक्‍सर इसके बंटवारे को लेकर चर्चा उठती रहती है। अब इस मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ का स्‍टैंड सामने आया है। यूपी के बंटवारे के विचार पर उन्होंने कहा कि सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि उत्‍तर प्रदेश के एक रहने में ही उसकी ताकत है। यूनाइटेड रहकर ही प्रदेश अपने लक्ष्‍यों की प्राप्ति कर सकता है।

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती के मुख्‍यमंत्री रहते 2011 में यूपी की विधानसभा ने प्रदेश को चार भागों (अवध प्रदेश, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिम प्रदेश) में विभाजित करने का एक प्रस्‍ताव पारित कर केंद्र को भेजा था जिसे कई स्‍पष्‍टीकरण मांगते हुए केंद्र सरकार ने वापस भिजवा दिया था।

प्रयागराज में एक न्‍यूज चैनल को दिए एक इंटरव्‍यू में सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने यूपी के विभाजन की बात का पुरजोर विरोध किया। उन्‍होंने कहा कि यूपी के यूनाइटेड रहने में ही उसकी ताकत, पहचान और सम्‍मान है। यूपी अपने आप में यूपी है। उसकी पोटेंशियल है ये। मुझे लगता है कि उत्‍तर प्रदेश को यूनाइटेड रहकर ही अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करना चाहिए। मुझे यह भी लगता है कि इसी में उसकी ताकत भी है, पहचान भी है और सम्‍मान भी है।

सनातन पर आया संकट तो कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा इसके पहले शनिवार को महाकुंभ में अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि भारत सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित हैं। भारत सुरक्षित है तो हर पंथ, हर संप्रदाय सुरक्षित है और अगर भारत के ऊपर कोई संकट आएगा तो सनातन धर्म पर संकट आएगा। उन्‍होंने कहा कि सनातन धर्म पर संकट आएगा तो भारत के अंदर कोई भी पंथ और संप्रदाय अपने आप को सुरक्षित महसूस ना करे। वह संकट सबके ऊपर आएगा, इसलिए संकट की नौबत आने ना पाए, इसके लिए एकता का संदेश आवश्यक है।

सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर अन्य संप्रदाय हो सकते हैं, उपासना विधि हो सकती है, लेकिन धर्म तो एक ही है और वह है सनातन धर्म। यही मानव धर्म है। भारत में जितनी भी उपासना विधियां हैं वह अलग पंथ और संप्रदाय से भले ही जुड़ी हों, लेकिन निष्ठा और आस्था सब की सनातन धर्म से जुड़ी हुई है। इसलिए महाकुम्भ के इस पावन आयोजन पर हम सबको पूरी दुनिया से आए लोगों को एक ही संदेश देना है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री का कहना है कि महाकुम्भ का संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा देश।

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