जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के रिश्वत की पेशकश वाले आरोपों की अब CBI जांच होने जा रही है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए CBI जांच की सिफारिश की है।
इस पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, हमने सीबीआई को इस मामले में पत्र लिखा है। हम चाहते हैं कि सच सामने आए। एक बड़े पद पर आसीन होने वाले शख्स के द्वारा लगाए गए आरोपों का साफ होना बहुत जरूरी है।
सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तब कई बड़े औद्योगिक घराने की फाइल आगे बढ़ाने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा था कि उन्होंने पैसे लेने से इंकार कर दिया था और सभी डील रद्द कर दी थीं। उन्होंने कहा था कि इस फाइल में अंबानी और आरएसएस के एक बड़े अफसर भी शामिल थे।
सत्यपाल मलिक ने दावा किया था जिन विभागों की ये फाइलें थी उनके सचिवों से जानकारी मिली थी कि इसमें कुछ गड़बड़ है औऱ अगर फाइल पास कर दी जाती है तो 150-150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले में वह पीएम मोदी से मिलने गए थे। प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि करप्शन के किसी भी मामले में समझौता नहीं करना है।
बता दें कि सत्यपाल मलिक वर्तमान में मेघालय के गवर्नर हैं। झुंझुनू के एक कार्यक्रम में उन्होंने उक्त दावा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि जिसकी फाइलें पास करने के लिए रिश्वत की पेशकश की जा र ही थी वह पीएम मोदी के भी करीबी रह चुके हैं।
-एजेंसियां
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