महंगे लोन पर जल्दी राहत नहीं मिलने वाली है। अभी कुछ और समय तक होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर बढ़ी हुई ब्याज दरें देखने को मिल सकती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस तरह के संकेत दिए हैं।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अगर यूक्रेन संघर्ष जारी रहा तो ब्याज दरें लंबे समय तक उच्च बनी रह सकती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन से जुड़े मुद्दों में सुधार हो सकता है। इससे महंगाई में कमी आएगी।
दास ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं यह कहना चाहूंगा कि यह फरवरी में होने वाली मौद्रिक नीति समिति बैठक के फैसलों को लेकर संकेत नहीं है। अगर भू-राजनीतिक तनाव अभी की तरह बने रहते हैं, तो ब्याज दरें लंबे समय तक उच्च बनी रहेंगी। ना सिर्फ यूएस में बल्कि पूरी दुनिया में भी ऐसा हो सकता है।’
महंगाई में आ सकती है कमी
हालांकि दास ने उम्मीद भी जगाई। आरबीआई गवर्नर ने बिजनेस टुडे के एक इवेंट में कहा, ‘लगातार भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद मानव समाज यह जानता है कि इस नई स्थिति में कैसे एडजस्ट किया जाए। ग्लोबल सप्लाई चेन में पहले से सुधार आया है। साथ ही नए रास्ते बन रहे हैं। दुनिया के देश नए सप्लाई सोर्सेज की तरफ देख रहे हैं। इससे महंगाई में कमी आ सकती है।’
कम गंभीर रहेगी दुनिया में सुस्ती
दास ने कहा कि सुस्ती पहले की अपेक्षा कम गंभीर रह सकती है। उन्होंने कहा, ‘छह महीने पहले सभी ने सोचा था कि यूरोपीय यूनियन और अमेरिका में मंदी आएगी लेकिन अब चीजें सुधरी हैं। हालांकि ब्याज दरों के लंबे समय तक उच्च बने रहने की अधिक संभवनाए हैं। अनिश्चितताओं को देखते हुए सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा।’
जरूरी होता है दरें बढ़ाना
आरबीआई गवर्नर के अनुसार पिछली ब्याज दर वृद्धि से महंगाई में कमी आने में सात से आठ महीने लगेंगे। उन्होंने कहा, ‘एक आसान परिस्थिति में लिक्विडिटी का प्रवाह तेजी से होता है। लेकिन एक टाइट परिस्थिति में इसमें अधिक समय लगता है। आरबीआई में हमारे रिसर्च का निष्कर्ष है कि प्रभाव को महसूस होने में चार तिमाहियों का समय लगेगा।’
उन्होंने जोर देकर कहा कि आरबीआई को कीमतें बढ़ने पर महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरें बढ़ानी होती हैं। क्योंकि अगर इकनॉमी स्टेकहोल्डर्स को लगता है कि आरबीआई उच्च महंगाई के प्रति सहिष्णु है, तो वे लागत को और अधिक बढ़ाते हुए वस्तुओं का मूल्य निर्धारण शुरू कर देंगे।
Compiled: up18 News