देश में 13 मुख्य नदियों को पुनर्जीवित करने की सरकार की पहल पर सद्गुरु के बधाई संदेश के उत्तर में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘धन्यवाद सद्गुरु जी। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में सिफारिशें रैली फॉर रिवर्स (RfR) की नीति-सिफारिशों के अनुरूप हैं। आपकी दूरदृष्टि, मार्गदर्शन, और पर्यावरण के प्रति आपकी सर्वसमावेशी दृष्टि एक प्रेरणा हैं।’
Thank you, @SadhguruJV. The recommendations in the DPRs are aligned with the policy recommendations of @rallyforrivers.
Your vision, guidance and all-inclusive approach towards ecology are an inspiration. https://t.co/sA92pwkjUb
— Gajendra Singh Shekhawat (मोदी का परिवार) (@gssjodhpur) March 15, 2022
केंद्रीय सरकार की इस घोषणा से, कि वह देश में 13 मुख्य नदियों को पुनर्जीवित करने का काम शुरु करेगी, रैली फॉर रिवर्स अभियान के जमीनी प्रयास को बड़ा प्रोत्साहन मिला है। यह RfR के नीति-सिफारिश दस्तावेज की सिफारिशों पर आधारित है।
RfR मॉडल के विज्ञान की पुष्टि करते हुए, DPR लगभग RfR की नीति सिफारिशों से मेल खाती है। इंडियन काउन्सिल ऑफ फॉरेस्टरी रिसर्च एंड एजुकेशन (ICFRE) के इस विषय के विशेषज्ञों के द्वारा यह DPR तैयार की गई है। इससे इस मॉडल को ‘अवैज्ञानिक’ कहकर खारिज करने वाले आलोचकों के चुप हो जाने की उम्मीद है।
केंद्र के निर्णय का स्वागत करते हुए, सद्गुरु ने ट्वीट किया, ‘इस सबसे सामयिक और स्वागत योग्य पहल पर माननीय मंत्री जी को बधाई। नदियों की इस संपदा को पुनर्जीवित और अपनी पूरी गरिमा में बहाल किया जाना चाहिए। वानिकी दखल हमारी नदियों का कायम रहना सुनिश्चित करेगा। शुभकामनाएं और आशीर्वाद।’
Congratulations, Hon’ble Ministers on this most timely & welcome initiative to #RallyforRivers– treasures that must be revitalized & restored to their full glory. Forestry interventions will ensure our rivers remain perennial. Best Wishes & Blessings. –Sg @byadavbjp @gssjodhpur https://t.co/vHtHqHIWtw
— Sadhguru (@SadhguruJV) March 15, 2022
सद्गुरु के संदेश का उत्तर देते हुए श्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट किया, ‘सद्गुरु जी, आपके आशीर्वाद से श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन कायम रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’
With your blessings Shri @SadhguruJV ji, the govt led by PM Shri @narendramodi ji will leave no stone unturned in maintaining the golden mean between development and environment. https://t.co/eDKloyynxe
— Bhupender Yadav (मोदी का परिवार) (@byadavbjp) March 15, 2022
पांच साल पहले 2017 में सद्गुरु ने धरती का सबसे बड़ा पर्यावरण का अभियान – रैली फॉर रिवर्स – भारत की मरती हुई नदियों की दशा की ओर ध्यान खींचने के लिए शुरू किया था। इसने 16.2 करोड़ लोगों का समर्थन प्राप्त किया था। सद्गुरु ने नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को नीति-सिफारिश दस्तावेज का मसौदा प्रस्तुत किया था, जिसे राष्ट्रीय नीति के रूप में स्वीकार किया गया था।
उत्साहित RfR बोर्ड
RfR संचालक बोर्ड ने केंद्र के निर्णय पर हर्ष व्यक्त किया है। बोर्ड कावेरी कॉलिंग अभियान के जमीनी अमल का निरीक्षण करता है और अभियान के लक्ष्य को दिशा भी दे रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के भूतपूर्व जज, और RfR बोर्ड के सदस्य, डॉ जस्टिस अरिजीत पसायत ने कहा कि मानव जाति को कायम रखने के लिए ‘यह जरूरी है कि हम पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करें’
RfR बोर्ड की सदस्या, बायोकॉन संस्थापक सुश्री किरन मजमदार शॉ ने इस एक ‘जबरदस्त पहल’ बताते हुए कहा, ‘देश के लिए खाद्य और जल सुरक्षा के बढ़कर और क्या हो सकता है!’
अवकाश प्राप्त आईएएस ऑफिसर श्री प्रवेश शर्मा ने, जिन्होंने कृषि मंत्रालय में काम किया है, और RfR बोर्ड के सदस्य हैं, कहा, ‘आज सरकार का रेस्पांस काफी हद तक सद्गुरु की करोड़ों लोगों को, हमारी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए सक्रिय हिस्सा लेने के लिए, प्रेरित करने की अनेकों पहल का नतीजा है।’
बोर्ड सदस्य श्री शशि शेखर, अवकाश प्राप्त आईएएस ऑफिसर और भूतपूर्व सचिव, जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा कायाकल्प, ने आशा जताई कि परियोजना में ‘लोगों की भरपूर भागादारी और उनका स्वामित्व शामिल होगा।’
RfR की जमीनी परियोजना
रैली फॉर रिवर्स नदी कायाकल्प के एक भागीदारी आधारित मॉडल की हिमायत करती है। कावेरी कॉलिंग – कावेरी नदी को पुनर्जीवित करने की इस जमीनी परियोजना ने अब तक 1,25,000 किसानों को कावेरी नदी घाटी में अपनी कृषि जमीनों पर पेड़-आधारित खेती करने को प्रेरित किया है। इस मॉडल की सफलता को ईशा ने जमीन पर लगभग दो दशकों के दौरान प्रदर्शित किया है और किसानों ने अपनी आय में 3 से 8 गुना तक की वृद्धि बताई है, और साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य, जमीन में जल स्तर का उठना, और फसलों की पोषकता में वृद्धि पाई गई है। कावेरी कॉलिंग का लक्ष्य 50 लाख किसानों को अपनी जमीनों पर 12 सालों के दौरान 2.42 अरब पेड़ लगाने में सक्षम बनाना है, जिससे टिकाऊ आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्राप्त हो। आज तक, अभियान के अंतर्गत उस इलाके में 6.2 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं।
रैली फॉर रिवर्स के बारे में
रैली फॉर रिवर्स भारत की जीवनरेखाओं का बचाने का अभियान है। सद्गुरु ने 3 सितंबर 2017 को भारत की तेजी से लुप्त होती नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए RfR की शुरुआत की थी। RfR भारत की नदियों को बचाने के लिए एक व्यापक समाधान है, और यह महत्वपूर्ण पर्यावरणीय असर के साथ प्राथमिक आर्थिक कार्यक्रम के रूप में अपनी संरचना में अनोखा है।
नीति-सिफारिशों के मसौदे ‘भारत में नदियों को पुनर्जीवित करना’ को सद्गुरु ने केंद्रीय सरकार को 2017 में सौंपा था। 16.2 करोड़ लोगों के समर्थन के साथ, रैली फॉर रिवर्स आज दुनिया के सबसे बड़े पर्यावरण अभियानों में से एक है।
-up18 News
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