बीते कुछ समय में बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड फिल्मों की जितनी बदहाल स्थिति दिखी है, उतनी पहले कभी नहीं दिखी। हैरानी की बात तो यह है अब आमिर खान और अक्षय कुमार जैसे एक्टर्स की फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट रही हैं जबकि पिछले साल तक अक्षय की हर फिल्म बंपर कमाई कर रही थी। इस साल जहां अक्षय की चारों रिलीज हुई फिल्में पिट गईं, वहीं अन्य एक्टर्स की फिल्मों का भी बुरा हाल रहा। हिंदी फिल्मों के फ्लॉप होने के लिए जहां कुछ लोग ‘बायकॉट कल्चर’ को जिम्मेदार मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग एक्टर्स के पुराने विवादित बयानों को। पर राकेश रोशन इस पर अलग ही राय रखते हैं।
छह सितंबर को 73वां बर्थडे मनाने वाले राकेश रोशन एक्टर ही नहीं बल्कि कई सफल फिल्में बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि आखिर किन वजहों से हिंदी फिल्में लगातार पिट रही हैं। राकेश रोशन ने ‘बॉलीवुड हंगामा’ के साथ बातचीत में इसकी पांच मुख्य वजहें बताईं।
‘दोस्तों की पसंद से फिल्में, कोई गाने नहीं होते’
राकेश रोशन ने कहा, ‘हिंदी फिल्में इसलिए फ्लॉप हो रही हैं क्योंकि लोग अब सिर्फ वही फिल्में बनाते हैं जो उन्हें और उनके दोस्तों को पसंद आती हैं। वो फिल्में बनाने के लिए सिर्फ वही सब्जेक्ट चुन रहे हैं जो दर्शकों के एक छोटे से वर्ग को ही अपील कर पाती हैं। दर्शकों का एक बड़ा हिस्सा उनसे रिलेट नहीं कर पाता। एक और बड़ी समस्या यह है कि अब फिल्मों से गाने गायब हो रहे हैं। अगर गाने होते भी हैं तो वो कभी-कभी सिर्फ बैकग्राउंड में चलते हैं या फिर उनका सिर्फ मुखड़ा ही प्ले किया जाता है। पहले फिल्मों में 6 गाने होते थे। ये गाने एक्टर्स को सुपरस्टार बना देते थे।’
‘पुष्पा और RRR की सक्सेस से सीखना चाहिए, हर गाना था क्रेजी’
राकेश रोशन ने कहा कि ‘पुष्पा’ और RRR जैसी फिल्में अपने गानों की वजह से भी खूब हिट रहीं। उनके हर गाने ने क्रेज पैदा कर दिया था। बॉलीवुड को उन फिल्मों की सफलता से सीखने की जरूरत है। राकेश रोशन ने इस बारे में कहा, ‘आप पुराने गानों से हीरो को याद रखते हैं। जब आप पुराने क्लासिक गानों को सुनते हैं तो उन गानों में नजर आए हीरो आपको याद आ जाते हैं।
आजकल फिल्मों में कोई गाने नहीं होते तो हीरो याद ही नहीं आते हैं। इसलिए आज एक सुपरस्टार बन पाना भी बहुत मुश्किल हो रहा है। आप अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, जीतेंद्र, देव आनंद, संजीव कुमार, शम्मी कपूर, राज कपूर और शशि कपूर जैसे एक्टर्स के गाने देखिए। उनके गाने फिल्मों का इतना अभिन्न हिस्सा होते थे और फिल्म को सुपरहिट बनाने में अहम भूमिका निभाते थे। या फिर RRR और ‘पुष्पा’ का उदाहरण ही ले लो। हर एक गाना एकदम क्रेज बन गया। तो हमें उनकी सक्सेस से सीखना चाहिए।’
राकेश रोशन ने बताया साउथ से कहां मात खा रहे बॉलीवुड वाले
राकेश रोशन ने आगे बताया कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा क्या है जो जिसमें बॉलीवुड फिल्ममेकर्स मात खा रहे हैं। वह बोले, ‘साउथ में लोग अभी भी उन कहानियों को तवज्जो दे रहे हैं जिनसे जुड़ाव महसूस होता है। उन कहानियों वो कमर्शियल एलिमेंट को ध्यान रखते हुए बहुत ही बढ़िया तरीके से प्रेजेंट कर रहे हैं। जैसे कि ‘बाहुबली’, ‘करण अर्जुन’ से काफी मिलती-जुलती है। लेकिन इसे उन्होंने बहुत बड़े स्केल पर दिखाया। गाने भी एकदम लार्जर-देन-लाइफ थे, इसलिए लोगों को बहुत पसंद आए। और हमारे बॉलीवुड फिल्ममेकर्स को पता नहीं क्या हो गया है। वो भारतीयता की जड़ों से दूर हो गए हैं। वो ‘मॉडर्न सिनेमा’ बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह सिर्फ एक फीसदी आबादी को ही पसंद आता है। वह बी और सी सेंटर्स तक नहीं पहुंच पाता। अगर आप ऐसी कहानियां उठाएं जो सी, बी और ए सेंटर्स तक पहुंचे और उन्हें अच्छी तरह से प्रेजेंट करें तो वो सबको पसंद आएंगी।’
‘20 करोड़ की फिल्म को मोटी फीस वाले एक्टर्स के साथ नहीं बना सकते’
राकेश रोशन ने इस बात पर दुख जताया कि आजकल बॉलीवुड में सतही फिल्मों को बड़ी स्टार कास्ट के साथ बनाया जा रहा है। वह बोले, ‘अगर फिल्ममेकर को पता है कि उसकी कहानी में कितना दम है और वह कितना बिजनस करेगी तो उसे उसी हिसाब से एक्टर्स की कास्टिंग करनी चाहिए। आप एक 20 करोड़ के लायक वाली फिल्म को उन एक्टर्स के साथ नहीं बना सकते जो मोटी फीस लेते हैं।’
-एजेंसी