भरतपुर ज़िले की नदबई तहसील के आरोद गांव में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे सातवें दिन भी जाम है. वहीं नदबई, वैर और भुसावर तहसील के चिह्नित टावर से इंटरनेट सेवाएं 21 अप्रैल से ही बंद हैं.
सैनी, माली, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य और काछी समाज 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर धरने पर बैठा हुआ है. धरना स्थल के पास मंगलवार को समाज के 48 साल के मोहन सिंह ने सुसाइड कर लिया है. इसके बाद से समाज में आक्रोश है. बुधवार को सीएम अशोक गहलोत से एक प्रतिनिधिमंडल की बातचीत भी हुई है.
फूले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाक़ात हुई है. उन्होंने आरक्षण की मांग को लेकर केंद्र को चिट्ठी भेजी है. जयपुर में अति पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ एक मई को हमारी मीटिंग भी प्रस्तावित है.”
सैनी ने कहा, “मोहन सिंह ने समाज के आरक्षण मांग के लिए सूसाइड किया है. हमारी सरकार से मांग है कि उनके परिवार को एक सरकारी नौकरी, आर्थिक सहायता दी जाए.”
उन्होंने कहा- “सूसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेंगे. मोहन सिंह समाज के लिए शहीद हुए हैं इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए.”
मृतक मोहन सिंह का शव दो दिन से भरतपुर ज़िला अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है. मांगों पर सहमति नहीं बनने से शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ है. समाज मांगें नहीं माने जाने तक हाईवे से हटने के लिए तैयार नहीं है.
नदबई के डिप्टी एसपी नितिराज सिंह शेखावत ने कहा कि “मृतक के परिजन एक करोड़ रुपये की सहायता और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं.”
Compiled: up18 News