राजस्थान: अब एक्शन मोड में सीएम भजनलाल, गहलोत सरकार में निकले सभी टेंडर्स पर रोक

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हर फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजनी होगी

नई सरकार के गठन के बाद अभी तक मंत्रिमंडल नहीं बना है। ऐसे में सभी विभाग सिर्फ अफसरों के भरोसे है। जब तक मंत्री नहीं बनेंगे तब कोई नई सरकार में कोई नया काम स्वीकृत नहीं होंगे। वित्त विभाग के एसीएस अखिल अरोड़ा की ओर से जारी आदेश में साफ किया गया है कि वित्त विभाग की अनुमति के बगैर कोई नया काम यानी टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी नहीं किए जा सकेंगे। अगर कोई कार्य होना है तो उसकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजनी होगी। वित्तीय स्वीकृति मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ही जारी की जा सकेगी।

समीक्षा से पहले ही रोके काम

अब तक ऐसा होता आया है कि नई सरकार के गठन के बाद पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम छह माह के कार्यकाल में जारी कार्यों की समीक्षा की जाती है। छह महीने में जो भी योजनाएं बनी या टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी हुए। उनकी जांच के लिए कमेटी बनाई जाती थी। इस बार समीक्षा की कमेटी बनाए जाने से पहले ही सभी टेंडर रोक दिए गए हैं। वित्त विभाग के नए आदेशों के बाद सभी विभागों के नए काम रुक जाएंगे।

सरकार पर बढ़ा वित्तीय बोझ

पूर्ववर्ती सरकार ली ओर से जारी योजनाओं और जनता को दी गई मुफ्त सुविधाओं से राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ काफी बढ़ गया है। प्रदेश सरकार पर करीब 5.30 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है। गहलोत सरकार के अंतिम छह माह के कार्यकाल में सरकार की योजनाओं पर भारी पैसा खर्च किया गया। अब भजनलाल सरकार को खर्चीली योजनाओं को जारी रखने और पैसों का इंतजाम करना बड़ी चुनौती बन गया है। ज्यादा खर्चे वाली योजनाओं को भजनलाल सरकार बदल सकती है। इसके लिए सर्कुलर जारी किए जाने की तैयारियां चल रही है।

-एजेंसी