मुंबई (अनिल बेदाग) : फिल्म “महायोगी हाईवे 1 टू वननेस” मानवता को आंतरिक जागृति और आत्म-खोज की इस यात्रा पर चलने के लिए प्रेरित करती है। राजन लूथरा ने इस फिल्म को एक सिनेमा कला के रूप में तैयार किया है, जो दुनिया को एकता और शांति का संदेश देती है। जैसे-जैसे दुनिया और अधिक आपस में जुड़ती जा रही है, प्राचीन शास्त्रों की ज्ञानवाणी को पुनः अपनाने और इसे पूरे विश्व में फैलाने की आवश्यकता बढ़ रही है। यह फिल्म लोगों को जीवन के कोलाहल में शांति, सरलता में संतोष और जीवन में गहरी उद्देश्यपूर्णता खोजने में मदद करेगी।
इस प्रबुद्ध परियोजना को पूरा करने में राजन लूथरा को 12 वर्षों से अधिक की साधना और तपस्या लगी। उनका अटूट विश्वास है कि एकता ही दुनिया की नींव है और अब इसे निर्मित करने का समय आ गया है। गहन आत्ममंथन और ध्यान के माध्यम से उन्होंने अहंकार की सीमाओं को पार किया और शुद्ध चेतना के साथ एक हो गए। महायोगी की अवस्था प्राप्त करते हुए, उन्होंने यह गहन अनुभूति की कि हम सब एक हैं। जैसे भगवान शिव ने समुद्र-मंथन के दौरान हलाहल विष का पान किया और देवताओं को अमृत प्रदान किया, वैसे ही राजन ने “धरा-मंथन” किया और नफरत के विष को आत्मसात कर मानवता को एकता के अमृत का उपहार दिया।
राजन प्रकृति और ब्रह्मांड के साथ सामंजस्य में जीने के महत्व को रेखांकित करते हैं। भगवान शिव द्वारा ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर उनको दिव्य दृष्टिकोण की प्राप्ति हुई और उन्होंने धर्म (कर्तव्य/धार्मिकता), कर्म (कार्य और इसके परिणाम), और अंतरात्मा (अद्यात्मिक जाग्रति) के तीन सिद्धांतों के बारे में शिक्षा देने के लिये इस चलचित्र का निर्माण किया, जो व्यक्तियों को एक सार्थक और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। “महायोगी” का संदेश आज के कलियुग में उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों वर्ष पहले था। यह समय कलियुग को समाप्त कर सतयुग के द्वार खोलने का है।
एक ऐसे संसार में, जो विचलनों से भरा हुआ है, इस फिल्म की शिक्षाएं हमें हमारे सच्चे स्वभाव से फिर से जुड़ने और ब्रह्मांड के साथ सामंजस्य में जीने की याद दिलाती हैं। फिल्म “महायोगी हाईवे 1 टू वननेस” को कई भाषाओं में रिलीज़ किया जाएगा, और हिंदी संस्करण महाशिवरात्रि के दिन रिलीज़ होगा। इसके साथ ही आप जल्द ही “तुम ही शिव हो” नामक वेब सीरीज़ में भी राजन लूथरा का गहन संदेश देख पाएंगे। यह फिल्म 13 दिसंबर 2024 को पूरे भारत में रिलीज़ होगी।
बता दें कि राजन लूथरा, जो एक समाजसेवी और फिल्म निर्माता हैं, का जन्म 17 अगस्त 1965 को नजफगढ़, दिल्ली में हुआ। उनके जन्म के साथ ही एक चमत्कार हुआ। पूरे गांव में, जो उस समय बिजली कटौती से जूझ रहा था, अचानक रोशनी फैल गई और भारत-पाकिस्तान का युद्ध थम गया। राजन का जन्म एक दुर्लभ विशेषता के साथ हुआ था। उनके हाथ और पैरों में छह-छह अंगुलियां थीं, जिसे पॉलीडैक्टाइली कहते हैं। यह अनोखी विशेषता उनके जीवन के असाधारण उद्देश्य की ओर संकेत करती है – मानवता में प्रेम, शांति और एकता का संदेश फैलाना।
-up18News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.