साउथ अफ्रीका में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का हिस्सा नहीं बनेंगे पुतिन

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ब्रिक्स (BRICS) 5 उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का एक ग्रुप है जिसमें ब्राज़ील (Brazil), रूस (Russia), भारत (India), चीन (Chna) और साउथ अफ्रीका (South Africa) शामिल हैं। पहले BRICS सिर्फ ब्रिक ही था और इसमें ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन ही थे। बाद में साऊथ अफ्रीका को ग्रुप में शामिल करने पर ब्रिक बन गया ब्रिक्स। 5 देशों के इस ग्रुप का हर साल शिखर सम्मेलन होता है, जिसकी शुरुआत 2009 से हुई थी।

साउथ अफ्रीका 2010 में इससे जुड़ा था। इस साल ब्रिक्स का शिखर सम्मेलन साउथ अफ्रीका के जोहानसबर्ग में 22-24 अगस्त को होगा, जिसमें सभी मेंबर देशों के लीडर्स हिस्सा लेंगे। पर हाल ही में इस ग्रुप के सदस्य देश रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बारे में एक बड़ी जानकारी सामने आई है।

पुतिन नहीं होंगे शामिल

इस बार साउथ अफ्रीका में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन हिस्सा नहीं लेंगे। यह पहला मौका होगा जब रूस के राष्ट्रपति ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। पुतिन के इस सम्मेलन में शामिल होने या न होने के बारे में पिछले कुछ समय से अटकलों का बाज़ार गर्म था, पर अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि पुतिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जोहानसबर्ग नहीं जाएंगे। पुतिन के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023 में शामिल होने के लिए नहीं जाने पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इसमें हिस्सा लेंगे।

वर्चुअल रूप से हो सकते हैं शामिल

सूत्रों की मानें तो पुतिन भले ही ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए साउथ अफ्रीका न जाए, पर वह वर्चुअल रूप से इस शिखर सम्मेलन से जुड़ सकते हैं।

गिरफ्तार होने से बचने के लिए लिया फैसला

पुतिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023 में हिस्सा क्यों नहीं लेंगे? मन में यह सवाल आना लाज़िमी है। पुतिन तो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए साउथ अफ्रीका जाना चाहे थे, पर उनके ऐसा करने में एक बड़ी रिस्क भी थी। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अब तक यूक्रेन में भीषण तबाही मच चुकी है। इंटरनेशल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने पुतिन पर इस युद्ध में गैरकानूनी तरीके से कई बच्चों को निर्वासित करने का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। साउथ अफ्रीका भी आईसीसी का मेंबर देश है। ऐसे में पुतिन के वहाँ जाने पर उन्हें गिरफ्तार करना पड़ता।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) पिछले कुछ समय से पुतिन से चर्चा कर रहे थे और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही यह फैसला दोनों की सहमति से लिया गया है।

Compiled: up18 News