पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को जेल में आवभगत दिए जाने वालों पर शिकंजा कसने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अपराधी को पंजाब की जेल में शरण दी गई। 48 बार वारंट जारी होने के बाद भी उसे पेश नहीं किया गया। इतना ही नहीं, मुख्तार अंसारी पर उस समय 55 लाख रुपये भी खर्च किए गए। अब आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार ने तत्कालीन मंत्रियों से वसूली करने की तैयारी की है। उन्होंने कहा कि जिन मंत्रियों के आदेश पर जनता की कमाई के 55 लाख खर्च किए गए हैं, अब उन्हें मंत्रियों से इसकी वसूली की जाएगी।
मान सरकार का दावा है कि तत्कालीन पंजाब की कांग्रेस सरकार ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार से बचाया। इसके लिए जनता के 55 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए गए।
मंत्रियों से होगी वसूली
भगवंत मान ने कहा, ‘यूपी के अपराधी को आराम और सुविधाओं के साथ रोपड़ जेल में रखा गया था.. 48 बार वारंट जारी होने के बावजूद पेश नहीं किया गया। महंगे वकील.. 55 लाख खर्च हुए.. मैंने लोगों के टैक्स खर्च से फाइल वापस कर दी.. विचार जिन मंत्रियों के आदेश पर यह फैसला किया गया, उनसे खर्चा वसूलने का है।’
जेल में मुख्तार अंसारी को दिया गया VIP ट्रीटमेंट
यूपी में बीजेपी की योगी सरकार आने के बाद मुख्तार अंसारी को एनकाउंटर का डर था। इसलिए उसने पंजाब जेल में खुद को सुरक्षित माना। आरोप है कि यहां कांग्रेस सरकार की मिलीभगत से मुख्तार अंसारी को जेल के अंदर सारी सुविधाएं दी गईं।
भगवंत मान सरकार की मानें तो कांग्रेस सरकार ने मुख्तार का केस लड़ने के लिए वकील हायर किया। सुप्रीम कोर्ट के वकील ने हर सुनवाई के दौरान 11 लाख रुपये फीस ली।
बैरक में पत्नी बिताती थी घंटों
पंजाब सरकार का दावा है कि मुख्तार अंसारी को रोपड़ की जेल में रखा गया। उसे जिस बैरक में रखा गया था, वहां पर 25 कैदियों के रहने की क्षमता था लेकिन उसे अकेला ही रखा गया। आरोप है कि माफिया को बैरक में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। आरोप है कि यहां मुख्तार की पत्नी भी आती थी और वह बैरक में कई घंटे मुख्तार अंसारी के साथ बिताती थी।
आवभगत में लगाए गए थे 10 IPS अफसर
सरकार ने दावा किया है कि 10 आईपीएस अफसरों को मुख्तार अंसारी की आवभगत में लगाया गया था। मुख्तार को 24 जनवरी 2019 को रोपड़ जेल लाया गया था। यूपी सरकार ने उसे वापस लाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन पंजाब सरकार ने मुख्तार को नहीं पेश किया। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल अप्रैल में मुख्तार को यूपी लाया गया। अभी वह बांदा की जेल में बंद है।
फंस सकते हैं तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा
सुखजिंदर रंधावा तत्कालीन जेल मंत्री थे। उनके और मुख्तार के बीच संबंधों को लेकर कई बार मामला उठा। वह यूपी की यात्रा पर थे तो लखनऊ के ताज होटल में रुके थे। वह पूरा समय मुख्तार अंसारी की कार में ही घूमे थे। इसका वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद कांग्रेस सरकार की फजीहत हुई थी।
Compiled: up18 News