जुर्माना लगा कर सुध भूल जाते हैं जिम्मेदार, कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
आगरा ! आगरा लखनऊ हाईवे पर निजी बस संचालक छतों पर ओवरलोड सामान भरकर तेज दौड़ते हुए नजर आते हैं। इससे हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई भी ध्यान नहीं है। आगरा जयपुर मार्ग पर संचालित बसों के संचालक सवारियों के साथ माल को लोडिंग कर इनका संचालन करते हुए खास तौर से देखे जा सकते हैं। इसके अलावा इन बसों में सवारियां भी क्षमता से अधिक भरी रहती हैं। सवारी बसों में इनके पीछे की डिक्की में यात्रियों का सामान रखने का प्रावधान है। वहीं बस की छत पर सामान रखना नियमों के विरूद्ध है, लेकिन हर एक बस संचालक नियमों को ताक पर रखकर बसों की छत पर रस्सियों से सामान को बांध कर सडको पर दौड़ते हुए साफ़ तौर से देखा जा सकता है।
लेकिन बस संचालक सवारियों के अलावा सामान किराए के रूप में अलग से रुपए वसूलते हैं। बसों की छत्त पर भारी सामान चढ़ाने-उतारने के दौरान हादसा हो सकता है। इसके अलावा सड़क से गुजरने के दौरान सामान बंधी रस्सी टूटने की भी आशंका रहती है। इसको लेकर सरकार ने यात्री बसों पर माल लोडिंग नहीं करने के आदेश जारी कर रखे है, लेकिन इसका कही भी पालन नहीं हो रही है।
लेकिन बात की जाए आगरा के रकाबगंज थाना क्षेत्र की तो यहाँ दर्जन भर से अधिक ट्रेवल्स एजेंसीया संचालित है जो पुलिस की नाक के नीचे ही बसों की छतो पर ओवेर्लोडिंग करते हुआ साफ़ तौर से देखी जा सकती है लेकिन मौजूद पुलिस प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है और ध्यान भी क्यों जाए क्योकि यह पुलिसकर्मी पहले से ही इस ट्रेवल्स एजेंसी मालिको द्वारा दिए हुए चांदी का चश्मा जो पहने हुए है जिसको पहनने के बाद से थाना क्षेत्र में हो रही ट्रेवल्स एजेंसियों से ओवर लोडिंग दिखाई देना साफ़ तौर से बंद हो जाती है !
आखिर चंद रूपए के लालच में सेकड़ो यात्रियों की जान से खिलवाड़ करना अपराध की श्रेणी में आता है ! अब देखना यह होगा की जिला प्रशासन आखिर इन ट्रेवल्स एजेंसियों के खिलाफ कब तक सख्त कार्यवाही अमल में लाता है ! जिसके कारण आये दिन सडको पर हो रहे बस हादसों पर पुलिस की सख्त कार्यवाही से कमी भी देखने को मिलेगी !
-माया