प्रधानमंत्री और उपराष्‍ट्रपति ने दी पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि, अर्पित किए श्रद्धासुमन

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पीएम मोदी ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय का ‘अंत्योदय’ पर जोर देना और गरीबों की सेवा करना उन्हें प्रेरित करता रहता है।

1916 में मथुरा में जन्मे पंडित दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एकात्म मानववाद’ और अंत्योदय (सबसे वंचित तबके का उत्थान) के पंडित दीन दयाल उपाध्याय के दर्शन को अपनी सरकार के कल्याणकारी उपायों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में वर्णित किया।

मोदी ने कहा, “मैं पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अंत्योदय और गरीबों की सेवा करने पर उनका जोर हमें प्रेरणा देता है। उन्हें एक असाधारण विचारक और बुद्धिजीवी के रूप में भी याद किया जाता है।”

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस मौके पर धनखड़ ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को एक मानवतावादी और एक असाधारण दूरदर्शी बताया।
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने धनखड़ के हवाले से ट्वीट किया, “महान राष्ट्रवादी, मानवतावादी और असाधारण दूरदर्शी पंडित दीनदयाल जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।”

धनखड़ ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय को उद्धृत करते हुए कहा कि कोई वास्तव में कैसे भारत की आत्मा को समझ सकता है।

उन्होंने कहा, “अगर भारत की आत्मा को समझना है तो इस देश को राजनीतिक या आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक नजरिए से देखना चाहिए।”

-एजेंसी


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