राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका: प्राइमरी चुनाव में ट्रंप और बाइडन दोनों ने जीत दर्ज की

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कुछ अमेरिका मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार जो बाइडन भी डेमोक्रेट प्राइमरी चुनाव जीत गए हैं. हालांकि बाइडन को बैलेट पर एक उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया गया था. ना ही उन्हें डेलीगेट्स दिए जाएंगे. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जो बाइडन की उम्मीदवारी को लेकर उनकी पार्टी के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं.

डेमोक्रेटिक कांग्रेसमैन डीन फिलिप्स ने हाल ही में बाइडन की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि “वो डोनल्ड ट्रंप के सामने टिक नहीं पाएंगे.”

लेकिन रिपब्लिकन के प्राइमरी पर सबकी निगाहें थीं. क्योंकि माना जा रहा है कि इस प्राइमरी चुनाव में जिसकी जीत होगी उसका राष्ट्रपति उम्मीदवार बनना लगभग तय है.

बीबीसी के उत्तरी अमेरिका के संवाददाता एंथनी जर्चर कहते हैं कि ट्रंप के लिए न्यू हैम्पशर जीतने के बाद रिपब्लिकन के लिए ये रेस खत्म होती दिख रही है. अगर हेली का ट्रंप के साथ वोटों का अंतर कम रहा तो भी उम्मीदवारी की इस रेस में बहुत कुछ नहीं बदलेगा.
प्राइमरी क्या होता है

अमेरिका के चुनाव में पार्टियों के राष्ट्रपति उम्मीदवारों को चुनने के लिए कॉकस और प्राइमरी दो तरह के चुनाव होते हैं. कॉकस कुछ ही राज्य में होता है, जिसमें समर्थक आते हैं, बैठक करते हैं और कुछ घंटों की चर्चा के बाद अपने उम्मीदवार के लिए वोट देते हैं. ये चुनाव आम तौर पर हाथ उठाकर कर समर्थन देकर किये जाते हैं.

लेकिन प्राइमरी चुनाव का स्वरूप थोड़ा अलग होता है. यहां पार्टी से जुड़े लोग उन जगहों पर आते हैं जहां मतदान केंद्र बनाए गए होते हैं. समर्थक अपने उम्मीदवार के लिए बैलेट में वोट डालते हैं और तुरंत चले जाते है. जिस उम्मीदवार को जितने अधिक वोट मिलते हैं, उनके लिए पार्टियां उसके अनुपात में डेलिगेट्स देती हैं. हर पार्टी के हर राज्य में डेलिगेट्स की संख्या बदलती है.

एजेंसी