झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी उनके प्रस्तावक बने। इस दौरान BJP चीफ जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित कई बड़े नेता वहां मौजूद रहे। ओडिशा के सीएम इटली में होने की वजह से इस नामांकन में शामिल नहीं हो पाए हैं हालांकि उनके दो मंत्री इस दौरान मौजूद रहे। गुरुवार को बीजद के दो मंत्रियों ने मुर्मू के नॉमिनेशन पेपर पर हस्ताक्षर किए। 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से ही आती हैं।
एनडीए की ओर से बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला है। बीजेपी के इस दांव से झारखंड मुक्ति मोर्चा की राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन को लेकर दुविधा बढ़ गई है।
आपको बता दें कि जेएमएम ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के तौर पर खड़े यशवंत सिन्हा के लिए स्वीकृति देते हुए हस्ताक्षर भी किया था। अब एनडीए की ओर से आदिवासी उम्मीदवार को उतारे जाने के बाद जेएमएम अपना स्टैंड बदल सकती है। द्रौपदी मुर्मू अगर चुनाव जीत जाती हैं तो वो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।
उत्तर प्रदेश तय करेगा मुर्मू की जीत ये कहते हैं आंकड़े
राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश द्रौपदी मुर्मू की जीत तय करेगा। आइए बताते हैं आंकड़ों के मुताबिक मुर्मू को उत्तर प्रदेश से कितने वोटों का समर्थन मिलने वाला है? उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं जिनमें से बीजेपी के पास गठबंधन के साथ कुल 273 सीटें हैं। 273 विधायकों के वोटों का राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट वैल्यू 56,784 है। वहीं सपा गठबंधन के 125 विधायकों का वोट वैल्यू 26,000 है।
यूपी की 80 लोकसभा सांसदों के वोटों की कुल वैल्यू 56,000 और 31 राज्यसभा सांसदों का वोट वैल्यू 21,700 है। इसमें से बीजेपी गठबंधन के 64 लोकसभा सदस्य होने के कारण उनकी वोट वैल्यू 44,800 है।
राज्यसभा में यूपी से बीजेपी के 25 राज्यसभा सांसदों का वोट वैल्यू 17,500 है। इस प्रकार द्रोपदी मुर्मू को यूपी से 1,19,084 वोट मिलेंगे। वहीं यशवंत सिन्हा को करीब 37,716 मत मूल्य मिलने की संभावना है।
आंकड़ों में भारी है एनडीए का पलड़ा
प्रेसीडेंट इलेक्शन के लिए अगर हम वोट वैल्यू के हिसाब से आंकड़ों पर नजरें डालें तो एनडीए का पलड़ा विपक्ष पर भारी दिखाई देता है। राष्ट्रपति चुनाव लोकसभा की 540 सांसदों के वोट हैं और राज्यसभा के 229 सांसद के वोट हैं।
इसके अलावा अगर हम राज्यों की विधानसभाओं की बात करें तो कुल 4 हजार 33 विधायक राष्ट्रपति चुनाव में वोट करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे पहले इन सभी जनता के प्रतिनिधियों के कुल वोटों की वैल्यू निकाली जाती है। इस राष्ट्रपति चुनाव में जनप्रतिनिधियों के वोटों की कुल वैल्यू 10 लाख 78 हजार 915 है। किसी भी राष्ट्रपति उम्मीदवार को जीत के लिए इसमें से 5 लाख 39 हजार 458 मत चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव में वोट वैल्यू
लोकसभा सांसद– 378000
राज्यसभा सांसद– 160300
विधायक– 540615
कुल वोट– 1078915
जीत का– 539458
राष्ट्रपति चुनाव में पक्ष और विपक्ष में किसके पास कितने वोट
अब अगर हम राष्ट्रपति चुनाव को लेकर वोट वैल्यू की बात करें तो पक्ष और विपक्ष के पास कितने वोट? पक्ष-विपक्ष में से जो कोई भी 539458 के जादुई आंकड़े को छूने में कामयाब रहेगा वो राष्ट्रपति के पद पर आसीन होगा। अपने सहयोगी एलायंस के साथ एनडीए के पास मौजूदा समय सांसदों और विधायकों के वोटों की वैल्यू मिलाकर देखें तो उनके पास फिलहाल अभी सबसे ज्यादा ज्यादा 5 लाख 26 हजार 966 वोट हैं। लेकिन जादुई आंकड़े से वो भी थोड़ा दूर हैं। ऐसे में अगर विपक्ष की बात की जाए तो यूपीए के पास मौजूद वोटों की संख्या जादुई आंकड़े से काफी दूर दिखाई देती है। ऐसे में अगर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी के अलावा झारखंड की जेएमएम ने भी एनडीए उम्मीदवार मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया है। कुल मिलाकर अब ये साफ है कि विपक्ष बहुमत के जादुई आंकड़े से बहुत दूर जाता हुआ दिखाई दे रहा है।
-एजेंसियां