राष्‍ट्रपति चुनाव: बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी किया द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान

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बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ऐसा एनडीए के समर्थन में नहीं एक आदिवासी के समर्थन में कर रही है.

मायावती ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ”हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का ख़ास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है. हमने यह अति महत्वपूर्ण फ़ैसला बीजेपी और एनडीए के पक्ष या फिर विपक्षी पार्टी के विरोध में नहीं लिया, बल्कि अपनी पार्टी के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के लिए यह फ़ैसला लिया है.”

शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुई विपक्षी दलों की बैठक से बसपा को दूर रखा गया. इसके लिए उन्होंने विपक्ष पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है.

मायावती ने कहा, “विपक्ष ने राष्ट्रपति प्रत्याशी चुनने के लिए हुई बैठक से बसपा को अलग रखा. शरद पवार ने बैठक में बसपा के लीडर को नहीं बुलाया. ये उनकी सोच को दिखाता है. राष्ट्रपति प्रत्याशी चुनने के दौरान विपक्ष का षडयंत्र दिखा.”

बसपा सुप्रीमो ने कहा, ”बसपा पिछल्लगू पार्टी नहीं है. हमारी कथनी और करनी में अंतर नहीं है. हमारा पार्टी का संकल्प दूसरी पार्टियों की तरह नहीं है. देश हित की सोच है, जिसे ज़मीन पर उतारना है. ग़रीबों ओर मज़लूमों को मुख्य धारा में लाना है. हमारी पार्टी जुमलेबाज़ी नहीं करती, काम करती है.”

उन्होंने आगे कहा, ”बसपा के नेतृत्व को बदनाम करने के लिए विपक्ष कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. कांग्रेस और बीजेपी ये रत्ती भर भी नहीं चाहते कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की सोच देश पर लागू हो. हम बिना डरे फ़ैसले लेते हैं.”

मायावती के अनुसार, ”यूपी के बसपा के शासनकाल में देश ने ये देखा कि आर्थिक विकास लाया गया. दूसरी पार्टियों का काम ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ वाला है. जातिवादी सोच रखने वाले लोग बसपा को पीछे रखना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं चलेगा.”

-एजेंसियां