राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को मंजूरी देने से इंकार कर दिया है, जिसमें दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DIRC) के अध्यक्ष और सदस्यों के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल से बढ़ाकर 70 साल करने का प्रस्ताव है। उनका कहना है कि विद्युत अधिनियम एक केंद्रीय कानून है और विधानसभा को इस पर कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है।
दिल्ली विधानसभा ने मार्च 2022 में दिल्ली विद्युत सुधार (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया था, और इसे एलजी ऑफिस के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भेजा था।
राष्ट्रपति ने विधानसभा स्पीकर को लौटाया प्रस्ताव
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रपति ने विधेयक को विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को लौटा दिया है। राष्ट्रपति के द्वारा प्रस्ताव खारिज करने के बाद अगला कदम क्या होगा इसका जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें फिलहाल इस मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वो मामले की जांच कराएंगे। डीईआरसी में दो सदस्य और एक अध्यक्ष होता है।
क्या है पूरा मामला?
उनका कार्यकाल पांच साल या 65 वर्ष की आयु तक होता है। यानी अगर सदस्य या अध्यक्ष की उम्र 65 साल हो जाए या फिर वो पद पर 5 साल तक रहें। इन दोनों ही सूरत में वो रिटायर हो जाते हैं। इन पदों पर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों को नियुक्त किया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार, विधानसभा में विधेयक लाकर आयु मानदंड में संशोधन करने की कोशिश कर रही थी ताकि एजेंसी द्वारा उस वक्त बिजली दर के ऐलान में होने वाली लेट लतीफी से बचा जा सके, जब अध्यक्ष और सदस्य दोनों एक ही समय में रिटायर हो जाएं।
ज्यादातर अधिकारी पूरा नहीं कर पाते कार्यकाल
एक सूत्र ने बताया कि ज्यादातर लोग 60 या 62 साल की उम्र में रिटायर होने के बाद DIRC में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते। सरकार ने मौजूदा नियमों में बदलाव करने की कोशिश की। ताकि इस परेशानी से बचा जा सके। आयोग में हाल ही में एक पद खाली था, हालांकि पिछले महीने रिटायर जज जयंत ने पदभार संभाल लिया है। विधानसभा में विधेयक पारित होने के समय जस्टिस शबीहुल हसन अध्यक्ष थे।
Compiled: up18 News
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