राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, महिला सशक्तिकरण से ही देश का सर्वांगीण विकास संभव

National

इनके सशक्तिकरण से ही देश का सर्वांगीण विकास हो सकता है। उन्होंने समारोह में स्वर्ण पदक पाने वाली छात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि स्वर्ण पदक पाने वाली 45 छात्राएं है, जोकि स्वर्ण पदक वाले विद्यार्थियों का 60 प्रतिशत है। उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी अपनी प्रतिभा लगन के साथ-साथ उनके परिवार जनों के साथ ही विश्वविद्यालय की टीम का योगदान भी है।

हमारे संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल: मुर्मू

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय काफी है। राज्य की एक तिहाई आबादी जनजातीय है। जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय द्वारा इस संबंध में अच्छा कार्य किया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने चन्द्रयान 3 का जिक्र करते हुए कहा कि वर्षों से निष्ठा से इस पर काम होता रहा। मार्ग में आने वाली रुकावटों की परवाह न करते हुए हम सब बढ़ते रहे। यही जीवन में भी होता है। तात्कालिक असफलताओं से हताश नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के विषय पर विश्वविद्यालय को कुछ आयोजन करने चाहिए ताकि समाज में साइंटिफिक टेंपर का विकास होता रहे। यह हमारे संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल है।

भारत ने अपना लक्ष्य प्राप्त किया: मुर्मू

उन्होंने कहा कि जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने में आगे रहेंगे, वे ज्यादा तरक्की करेंगे। आज भारत अपने वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के प्रतिभा के बल पर स्पेस क्लब तथा न्यूक्लियर के क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना चुका है। हमने कम लागत में यह कार्य किया है जिसे दुनिया में सराहा गया। उन्होंने कहा कि कभी कभी इन क्षेत्रों में भारत को दुनिया में असहयोग का सामना करना पड़ा लेकिन भारत पीछे नहीं हटा और अपना लक्ष्य प्राप्त किया।

Compiled: up18 News