राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने एक संदेश में कहा, “सभी देशवासियों को मैं ‘जनजातीय गौरव दिवस’ की बधाई देती हूं. हम सब, ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के साल भर चलने वाले उत्सव का शुभारंभ कर रहे हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देते हुए कहा, मैं भगवान बिरसा मुंडा की पावन स्मृति को सादर नमन करती हूं. मालूम हो झारखंड अपना स्थापना दिवस 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर मनाता है. राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, जनजातीय गौरव तथा संविधान के आदर्शों के प्रति देश में नई चेतना का संचार हो रहा है. इस चेतना को कार्यरूप दिया जा रहा है. यह भावना जनजातीय समाज सहित पूरे देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार बनेगी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उरीमारी गांव को किया याद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड में बिताए पल को याद करते हुए कहा, अठारहवीं सदी से ही जनजातीय समाज ने ब्रिटिश हुकूमत के अन्याय का संगठित विरोध किया था. जब मैं झारखंड में राज्यपाल थी, तब उरीमारी गांव में जाकर वीर महानायकों सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा के अनावरण का सौभाग्य मुझे मिला था. साल 2021 से भारत सरकार ने प्रतिवर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने की परंपरा का सूत्रपात किया है. जनजातीय समुदाय के प्रति सम्मान व्यक्त करने के इस निर्णय की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है.
जनजातीय समाज का अपनापन और समरसता हमारी संस्कृति और सभ्यता का आधार
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, अपने लंबे वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम जनजातीय समाज के लोगों के साथ, उन्हीं की तरह रहे. भगवान श्रीराम ने वनवासियों को अपनाया और वनवासियों ने प्रभु श्रीराम को अपनाया. जनजातीय समाज का यह अपनापन और समरसता ही हमारी संस्कृति और सभ्यता का आधार है.
मोदी सरकार ने जनजातीय विकास और कल्याण की यात्रा को तेज गति से आगे बढ़ाया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, मुझे यह साझा करते हुए प्रसन्नता होती है कि जनजातीय भाषा ‘संथाली’ को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के प्रयासों में मेरा भी योगदान था. श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में यह संभव हुआ था. वर्तमान सरकार ने जनजातीय विकास और कल्याण की यात्रा को तेज गति से बहुत आगे बढ़ाया है. बहुत बड़े पैमाने पर अनेक अभियान और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. विकास और कल्याण के सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में जनजातीय समाज तक सभी सुविधाएं पहुंचाने के विशेष उपाय किए गए हैं.
जनजातीय भाई-बहन विकसित होंगे तभी हमारा देश भी विकसित होगा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन 2 अक्टूबर को, भगवान बिरसा मुंडा की धरती से ही, केंद्र सरकार द्वारा ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का आरंभ किया गया है. यह प्रसन्नता की बात है कि 30 लाख से अधिक जनजातीय विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप मिल रही है. विदेश में पढ़ाई करने के लिए भी स्कॉलरशिप दी जा रही है. जनजातीय समाज के युवा सिविल सर्विसेज में मेडिकल और इंजीनियरिंग में तथा अन्य क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर शामिल हो रहे हैं. जब हमारे जनजातीय भाई-बहन विकसित होंगे तभी हमारा देश भी सही अर्थों में विकसित होगा.
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