आगरा मेट्रो स्टेशनों के नाम बदलने पर गरमाई सियासत, सपा बोली- मुगल म्यूजियम का नाम बदला पर एक ईंट नहीं लगाई

Politics

आगरा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुधवार को आगरा मेट्रो स्टेशन के हॉल्ट जामा मस्जिद का नाम बदलने को लेकर दिए गए संकेत के बाद सियासत गहरा गई है। समाजवादी पार्टी के साथ मुस्लिम समाज के लोगों ने इस पर विपरीत प्रतिक्रिया दी है। सपा का कहना है कि नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। नाम बदलें, तो विकास भी कराएं।

बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में मेट्रो के ताज ईस्ट गेट स्टेशन का निरीक्षण किया था। इसके साथ मेट्रो के हाई स्पीड ट्रायल रन की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के हॉल्ट जामा मस्जिद को मनकामेश्वर मंदिर कहकर संबोधित किया था। इसके बाद यूपी मेट्रो के एमडी ने भी यह बयान दिया कि जो सरकार चाहेगी, वो होगा।
स्टेशन का नाम बदलने की मांग उठाने वाले भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने भी दो स्टेशन का नाम बदलने की बात की पुष्टि की।

आगरा की बात करें तो अखिलेश सरकार में यहां बनाए गए मुगल म्यूजियम का योगी सरकार में नाम बदलकर शिवाजी महाराज म्यूजियम कर दिया गया। इस पर भी सपा ने काफी विरोध किया था। अब जब सीएम योगी ने जामा मस्जिद स्टेशन का नाम बदलने का संकेत दिया तो सपा ने इस पर भी पलटवार किया।

सपा के शहर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है कि नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। योगी सरकार भले ही नाम बदल दे, लेकिन विकास तो कराए। सपा शासन में बने मुगल म्यूजियम का नाम छह साल पहले बदल कर शिवाजी महाराज के नाम पर कर दिया गया, लेकिन वहां काम तो कराना चाहिए था। पिछले छह साल में वहां पर एक ईंट भी नहीं लगी है। नाम बदलने की सियासत नहीं होनी चाहिए।

जामा मस्जिद के चेयरमैन मोहम्मद जाहिद ने मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने पर बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। हिंदू मुस्लिम एक ही हैं। जो उनको समझ आया, वो सही है। वैसे किसी धार्मिक स्थल के नाम पर नाम नहीं होना चाहिए। हम तो अपने लोगों को समझाते हैं कि नाम बदलने से कोई फर्क पड़ता है तो बताएं । नाम कोई भी रख दो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुस्लिम समाज को भी समझना चाहिए कि नाम बदलने से फायदा हो रहा तो उन्हें हल्ला मचाना चाहिए।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य विजय शिवहरे ने सपा पर पलटवार करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है। भाजपा की कथनी और करनी में कोई भी फर्क नहीं है।”

जामा मस्जिद स्टेशन का नाम बदलने की कयास पर मुस्लिम समाज के लोगों की प्रतिक्रिया अलग है। उनका कहना है कि मेट्रो स्टेशन जिस जगह के पास से गुजरे, उसका नाम ही रखना चाहिए। जामा मस्जिद के बाहर दुकान करने वाले नईमउद्दीन का कहना है कि नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है। अगर मेट्रो मनकामेश्वर मंदिर से गुजर रही तो उस स्टेशन का नाम रख दें, लेकिन जब वो वहां से गुजर ही नहीं रही तो उसका नाम बदलने का मतलब ही नहीं है। जामा मस्जिद तो बहुत प्रसिद्ध है, स्टेशन का नाम मस्जिद के नाम पर ही होना चाहिए।

वहीं, दुकानदार जाहिद हुसैन का कहना है कि इसमें विवाद की कोई बात नहीं। अगर मेट्रो जामा मस्जिद के पास से निकलती है तो उसका नाम जामा मस्जिद हो, अगर मंदिर के पास स्टेशन हो तो मनकामेश्वर मंदिर के नाम पर हो। ऐसे ही नाम बदलने से कोई फायदा नहीं।

आगरा में जामा मस्जिद स्टेशन और आगरा फोर्ट स्टेशन का नाम बदलने की मांग पूर्व राज्यमंत्री और छावनी विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने उठाई थी। उनका कहना है कि बुधवार को सीएम से उन्होंने ही नाम बदलने का आग्रह किया था। इसके बाद उन्होंने जामा मस्जिद का नाम मनकामेश्वर मंदिर करने के लिए स्वीकृति दी है। उन्होंने आगरा फोर्ट स्टेशन का नाम डॉ. बीआर आंबेडकर चौक करने के लिए भी कहा है। उम्मीद है कि उस स्टेशन का नाम भी बदला जाएगा।

Compiled: up18 News