दिल्ली में हो रहे जी-20 देशों के नौवें पार्लियामेंट्री स्पीकर्स समिट (पी-20) में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की. उन्होंने इस दौरान कहा कि एक बँटी हुई दुनिया चुनौतियों का समाधान नहीं दे सकती है.
पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया के अलग-अलग कोनों में जो कुछ भी घट रहा है उससे आज कोई भी अछूता नहीं है. संघर्ष और टकराव से आज दुनिया संकटों से जूझ रही है, इन संकटों से भरी दुनिया किसी के भी हित में नहीं है.”
“मानवता के सामने जो बड़ी चुनौतियां हैं, उनका समाधान एक बंटी हुई दुनिया नहीं दे सकती. यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है, साथ आगे बढ़ने का समय है.”
“यह सबके विकास और कल्याण का समय है. हमें वैश्विक विश्वास के संकट को दूर करना होगा और मानवता केंद्रित सोच पर आगे बढ़ना होगा.”
इसी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सीमा-पार आतंकवाद का भी ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, “भारत दशकों से क्रॉस-बॉर्डर टेररिज़्म का सामना कर रहा है. आतंकवादियों ने भारत में हज़ारों निर्दोषों की जान ली है. संसद के नए भवन के पास ही आपको भारत की पुरानी संसद भी दिखाई देगी.”
“क़रीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को भी निशाना बनाया था और आप जानकर चौंक जाएंगे कि उस समय संसद का सत्र चल रहा था. आतंकियों की तैयारी सांसदों को बंधक बनाने की और उन्हें ख़त्म करने की थी. भारत ऐसी अनेकों आतंकी वारदातों से निपटते हुए आज यहां पहुंचा है.”
“अब दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है. आतंकवाद चाहे कहीं भी होता है, किसी भी कारण से होता है, किसी भी रूप में होता है लेकिन वो मानवता के विरुद्ध होता है. ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को लगातार सख़्ती बरतनी ही होगी.”
“हालांकि इसका एक वैश्विक पक्ष और है जिसकी तरफ़ में आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति न बन पाना ये बहुत दुखद है.”
“आज भी संयुक्त राष्ट्र में इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन कॉम्बेटिंग टेररिज़्म कॉन्सेंसस का इंतज़ार हो रहा है. दुनिया के इसी रवैये का फ़ायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं. दुनियाभर की संसद को, प्रतिनिधियों को ये सोचना होगा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ हम कैसे मिलकर के काम कर सकें.”
Compiled: up18 News
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