हैदराबाद हाउस में अपने जापानी समकक्ष से मिले पीएम मोदी, कई अहम मुद्दों पर हुई बातचीत

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बैठक के बाद क्या बोले दोनों देशों के नेता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी, आपसी लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम और पीएम किशिदा हाल के समय में कई बार मिल चुके हैं और हर बार उन्हें सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है। जापानी पीएम से आज की मुलाकात भी दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिहाज से अहम है।

जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को जी7 के हिरोशिमा समिट में शामिल होने का न्यौता दिया है और उन्होंने न्यौते को स्वीकार भी कर लिया है। किशिदा ने कहा कि दोनों देश कार्बन उत्सर्जन कम करने और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे। हमारे भारत के साथ बढ़ते आर्थिक सहयोग से ना सिर्फ भारत को फायदा होगा बल्कि इससे जापान में भी आर्थिक तरक्की होगी। जापान अगले पांच सालों में भारत में पांच ट्रिलियन येन का निवेश करेगा।

इससे पहले सोमवार सुबह जापानी प्रधानमंत्री दिल्ली पहुंचे। जापानी प्रधानमंत्री के दौरे का उद्देश्य भारत और जापान के बीच रक्षा, व्यापार, निवेश और उच्च तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है। फुमियो किशिदा और प्रधानमंत्री मोदी के बीच भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी20 और जापान की अध्यक्षता में होने वाली जी7 की बैठकों की प्राथमिकताओं को लेकर बातचीत हुई।

चीन की चुनौती से निपटने पर फोकस

प्रधानमंत्री मोदी से बैठक के बाद वह एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे, जहां वह अपने संबोधन में मुक्त हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा करेंगे।  बता दें कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है। यही वजह है कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड बनाकर चीन की चुनौती से निपटने की योजना बनाई है। किशिदा मुक्त हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के लिए भारत की बढ़ती भूमिका पर भी वह अपने विचार रखेंगे। मुक्त हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के लिए भारत और जापान के बीच पेट्रोलिंग बढ़ाने, मेरीटाइम कानूनों का पालन कराने की क्षमता बढ़ाने, साइबर सुरक्षा, डिजिटल और हरित ऊर्जा समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई।

दोनों देशों में लगातार बढ़ रहा सहयोग

बता दें कि भारत और जापान लगातार चीन की बढ़ती चुनौती का सामना कर रहे हैं। चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। वहीं चीन सेनकाकु द्वीप पर भी अपना अधिकार जमाता है, जिसे लेकर जापान के साथ उसका विवाद चल रहा है। भारत और जापान के बीच बढ़ते सहयोग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच साल 2022 में तीन बार मुलाकात हुई। साल 2023 में भी दोनों नेताओं के बीच तीन बार मुलाकात होगी। जिसमें जी20, जी7 और क्वाड की बैठक शामिल है।

Compiled: up18 News