प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सुबह 10 बजे नई दिल्ली के प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में एक बड़े खाद्य कार्यक्रम ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की वृद्धि में छोटे उद्योग, किसान—महिलाओं का बड़ा योगदान है। इसमें क्षेत्रीय व्यंजन और शाही खानपान की विरासत को दुनिया के सामने पेश किया जाएगा। 200 से अधिक शेफ इसमें शामिल होंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन 3 नवंबर (आज) से 5 नवंबर के बीच होगा, जिसके बाद कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।
21वीं सदी की सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक फ़ूड सिक्योरिटी
वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वाद और तकनीक का ये फ्यूजन एक नए भविष्य को जन्म देगा, एक नई इकोनॉमी को गति प्रदान करेगा। आज की बदलती हुई दुनिया में 21वीं सदी की सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक फ़ूड सिक्योरिटी भी है। इसलिए ‘वर्ल्ड फूड इंडिया का ये आयोजन और भी अहम हो गया है।
बीते 9 साल में एफडीआई में 50,000 करोड़ रुपए
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में, प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को उभरते क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। पिछले 9 वर्षों में इस क्षेत्र ने एफडीआई में 50,000 करोड़ रुपए को आकर्षित किया है। यह भारत सरकार की उद्योग समर्थक और किसान समर्थक नीतियों का परिणाम है।
खाद्य पदार्थ के निर्यात में हुई 150 प्रतिशत की वृद्धि
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ के निर्यात में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आज हमारा कृषि-निर्यात विश्व स्तर पर 7वें स्थान पर पहुंच गया है। खाद्य क्षेत्र में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें भारत ने प्रगति न की हो। यह विकास तीव्र लग सकता है, लेकिन यह निरंतर और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान, भारत ने पहली बार कृषि क्षेत्र में निर्यात नीति लागू किया है। हमने पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क स्थापित किया है।
Compiled: up18 News