पीएम मोदी ने देश की पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

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रेलवे अधिकारियों के ने बताया कि इस रूट पर पहले से ही बेंगलुरु और चेन्नई के बीच कई ट्रेनें हैं जिनमें शताब्दी एक्सप्रेस, वृंदावन एक्सप्रेस, मास डबल-डेकर, गुवाहाटी एक्सप्रेस, लालबाग एक्सप्रेस, चेन्नई एक्सप्रेस, कावेरी एक्सप्रेस और चेन्नई मेल, लेकिन ‘वंदे भारत’ अपनी गति और सुविधाओं को देखते हुए बेहद शानदार है। उन्होंने कहा कि ट्रेन यात्रा के समय को कम करने और यात्रा का एक नया अनुभव देने में मदद करेगी।

160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से कर सकती है यात्रा

रेलवे के एक अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए बताया, “ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकती है। अगर पूरी क्षमता से चलाई जाती है तो ट्रेन सिर्फ तीन घंटे में बेंगलुरु से चेन्नई को छू सकती है।” एक अधिकारी ने बताया, “यह समान संख्या में कोचों के पारंपरिक शताब्दी से कहीं अधिक बेहतर है।”

जानिए क्या हैं इस ट्रेन की खूबियां

अधिकारियों के मुताबिक चेन्नई में स्थित रेलवे की एक उत्पादन इकाई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने इस ट्रेन को विकसित किया है, जिसमें बेहतर एक्सीरिलेशन और गाड़ी की गति को कंट्रोल में रखने के लिए एक बेहतरीन ब्रेकिंग सिस्टम है। सभी कोच के दरवाजे स्वचालित हैं, जीपीएस आधारित ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना प्रणाली, मनोरंजन के उद्देश्य से ऑन-बोर्ड हॉटस्पॉट वाई-फाई और आरामदायक सीटों से लैस हैं। अधिकारियों ने कहा कि कार्यकारी वर्ग में घूमने वाली कुर्सियां हैं।

जानिए चेन्नई से मैसुरु पहुंचने में लगेगी कितनी देर

देश की पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और दक्षिण भारत की पहली वंदे भारत ट्रेन को मद्रास की राजधानी चेन्नई से तमिलनाडु की राजधानी बेंगलुरु पहुंचने में महज 4 घंटे 30 मिनट लगेंगे। वहीं, बेंगलुरु से मैसुरु पहुंचने में इस ट्रेन को 2 घंटे का समय और लगेगा। इस तरह से ये ट्रेन चेन्नई से मैसुरु पहंचने के लिए साढ़े छ घंटे का समय लेगी। आपको बता दें कि चेन्नई से मैसुरु के बीच की दूरी 500 किलोमीटर है।

-एजेंसी


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