रामजन्म भूमि आंदोलन के अग्रणी संत और हिंदू नेता आचार्य धर्मेंद्र का सोमवार को निधन हो गया है। उनके निधन के समाचार से धर्मक्षेत्र के लोगों के बीच शोक की लहर है।
आचार्य धर्मेंद्र के निधन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है। बताया जा रहा है कि आचार्य धर्मेंद्र के स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी जानकारी ली थी। इसके अलावा राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सहित कई आला नेता भी लगातार उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे। आचार्य धर्मेंद्र जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के 20 दिनों से आईसीयू में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि लंबे समय से वह आंत की बीमारी से पीड़ित थे।
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय थे आचार्य धर्मेंद्र
आचार्य धर्मेंद्र ने राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। साथ ही विश्व हिंदू परिषद से लंबे समय तक जुड़े रहने के दौरान हमेशा चर्चा में रहे। वे राममंदिर मुद्दे पर बड़ी ही बेबाकी से बोलते थे।
बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती सहित आचार्य धर्मेंद्र को भी आरोपी माना गया था। बाबरी विध्वंस मामले में जब फैसला आने वाला था तब आचार्य धर्मेंद्र ने कहा था कि मैं आरोपी नंबर वन हूं। सजा से डरना क्या? जो किया सबके सामने किया।
गुजरात में जन्मे, जयपुर को बनाया कर्मस्थली
महात्मा रामचन्द्र वीर महाराज के पुत्र आचार्य धर्मेंद्र का जन्म 9 जनवरी 1942 को गुजरात के मालवाड़ा में हुआ। उन पर पिता महात्मा रामचन्द्र वीर महाराज के आदर्शों और व्यक्तित्व का प्रभाव पड़ा। आचार्य ने मात्र 13 साल की उम्र में वज्रांग नाम से एक समाचारपत्र निकाला। राजस्थान के जयपुर में रहने वाले आचार्य धमेन्द्र का जयपुर के दिल्ली रोड पर कोठपुतली के नजदीक विराटनगर में मठ है। वे इसी मठ में रहकर साधना करते थे। श्रीपंचखंड पीठ में साधना करने वाले आचार्य धर्मेंद्र महाराज विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक रहे और गायों की हत्या से जुड़े बड़े आंदोलनों की अनुवाई की।
-एजेंसी
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.