RTI के तहत कॉलेजियम मीटिंग की जानकारी देने संबंधी मांग वाली याचिका खारिज

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याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि एक कॉलेजियम मीटिंग के ब्योरे आरटीआई क़ानून के तहत देने के लिए निर्देश जारी किए जाएं.

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की इस मीटिंग में उच्च न्यायालयों के दो मुख्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट करने के बारे में फ़ैसला लिया गया था.

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रवि कुमार की बेंच ने एक फ़ैसले में कहा, “कॉलेजियम सिस्टम के तहत जजों को चुनने वाले जजों की चर्चा को आरटीआई क़ानून के तहत सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये बातचीत एक बहुसदस्यीय संस्था के अंतिम निर्णय का स्वरूप नहीं रखती हैं.”

आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये पिटीशन कॉलेजियम के एक पूर्व सदस्य की टिप्पणी पर आधारित है. कोर्ट ने कहा कि पूर्व जज की टिप्पणी की कोई प्रासंगिकता नहीं है क्योंकि ये चर्चाएं कॉलेजियम का फ़ैसला नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अंजलि भारद्वाज ने बीबीसी से कहा, “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉक्यूमेंट्स नहीं दिए जा रहे हैं. अगर कोई दस्तावेज़ अस्तित्व में है तो इसे न देने का कोई औचित्य नहीं है. जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए. इससे आम लोगों का भरोसा बढ़ता है. वास्तव में किसी भी पद के लिए नियुक्ति पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए.”

-Compiled by up18 News