तहरीक़-ए-इंसाफ़ ने सुप्रीम कोर्ट से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर हुए हमले की जांच करने और नई एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार की ओर से लाहौर में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में एक याचिका दाखिल की गई है.
तहरीक़-ए-इंसाफ़ के वाइस चेयरमैन ने लाहौर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इमरान ख़ान पर जानलेवा हमला हुआ है. हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो. तथ्य और ज़िम्मेदार लोग देश के सामने आए.
एफ़आईआर दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन दर्ज नहीं हुई. यह शिकायतकर्ता का मौलिक अधिकार है. तीन लोगों की पहचान की गई है जिनकी जांच होनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी बात यह है कि सीनेटर आजम स्वाति और उनकी पत्नी का मज़ाक उड़ाया गया। इसकी जांच होनी चाहिए कि ज़िम्मेदार कौन है. तीसरा यह कि पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में हत्या कर दी गई. इसके तथ्य क्या हैं?
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की गई है. चीफ़ जस्टिस को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं तहरीक़-ए-इंसाफ़ के नेता फवाद चौधरी ने कहा कि मैं चीफ़ जस्टिस से गुजारिश करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट को इतना कमज़ोर न करें कि लोग उसकी ओर देखना बंद कर दें. मैं मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ न्यायाधीशों से कहूंगा कि पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था की अच्छी छवि ठीक नहीं चल रही है. पाकिस्तान में बंद कमरों में फै़सले नहीं लिए जा सकते. न्याय व्यवस्था में संकट है. हमारा संघर्ष संस्थानों की प्रतिष्ठा को बहाल करना है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन उन्होंने हमले के लिए जिन तीन लोगों पर आरोप लगाए उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया.
ये नाम थे प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई मेजर जनरल फै़सल शामिल नहीं थे.
-एजेंसी