दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी AAP के संस्थापक अरविंद केजरीवाल भावी प्रधानमंत्री हैं। आप के समर्थक यही जता रहे हैं। 23 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ जुट रहे देशभर के डेढ़ दर्जन से ज्यादा विपक्षी दलों के प्रमुख नेता यह पोस्टर देखते हुए गुजरेंगे। जिस रूट से विपक्षी नेताओं की गाड़ियां गुजरेंगी, वहां यह पोस्टर है। पोस्टर में केजरीवाल को भावी प्रधानमंत्री बताया गया है और नीतीश के खिलाफ स्लोगन लिखा गया है। दूसरी ओर बिहार विधानसभा के सामने राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री बताने वाला कांग्रेसी विधायक का पोस्टर लगा है।
आप के केजरीवाल और मान पहुंच रहे हैं पटना
विपक्षी एकता के लिए पटना में हो रही बैठक में आम आदमी पार्टी से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान आ रहे हैं। बैठक का संयोजन कर रही मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू ने पूरे शहर में पोस्टर लगवाए हैं, लेकिन उनमें स्वागत के अलावा कोई संदेश नहीं दिया गया है। स्वागत करने वाले तक का नाम नहीं दिया गया है। अरविंद केजरीवाल का अलग और भगवंत मान का अलग पोस्टर जगह-जगह लगा है। वीरचंद पटेल पथ से लेकर गांधी मैदान तक ऐसे पोस्टर लगे हैं लेकिन इस बीच आम आदमी पार्टी के कुछ उत्साहित समर्थकों-नेताओं ने अपनी ओर से भी स्वागत के लिए पोस्टर लगवाए हैं, जिनमें से एक का पोस्टर आप संस्थापक केजरीवाल को भावी पीएम बता रहा है।
केजरीवाल समर्थक, मगर नीतीश के खिलाफ ऐसी बातें
केजरीवाल के समर्थन में आप के नाम पर विकास कुमार ज्योति की ओर से लगाए इस पोस्टर-बोर्ड में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तस्वीर लगाई गई है। इस तस्वीर के साथ स्लोगन भी लिखा है- “न आशा है, न विश्वास है…संभल कर रहना देश के लोगों ये नीतीश कुमार है। मोदी जी का खासमखास है।”
बिहार में आम आदमी पार्टी का सदन के अंदर वजूद नहीं है, लेकिन दिल्ली में कई बिहारी नेताओं ने आप का झंडा बुलंद कर रखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में केजरीवाल से मिलकर आ चुके हैं और अब पहली बार वह यहां आ रहे हैं। ऐसे में विपक्षी दलों की बैठक के दरम्यान इन पोस्टरों से किरकिरी तय है।
पोस्टर लगाने वाले ने इस पर क्या कहा
आम आदमी पार्टी के सदस्य विकास कुमार ज्योति ने कहा कि नीतीश कुमार का जो चाल-चरित्र रहा है, उसे पोस्टर के माध्यम बताया गया है। जदयू के वरिष्ठ नेता हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति बने हुए हैं। अगर नीतीश कुमार पूरी तरह भाजपा से अलग हो चुके हैं तो अब तक हरिवंश को पार्टी से निष्कासित क्यों नहीं गया? इसका मतलब है कि अप्रत्यक्ष रूप से वह भाजपा से जुड़े हैं। नीतीश कुमार फिर पलटी मार सकते हैं। अगर आप खुद को विपक्षी एकता का सूत्रधार बताते हैं तो संवैधानिक पद पर आप अपने नेता को भाजपा की कृपा से कैसे बैठा सकते हैं? इससे साफ है कि आपका अघोषित गंठबंधन भाजपा के साथ हैं।
कांग्रेस के बैनर में राहुल गांधी भी भावी प्रधानमंत्री
उधर, बिहार विधानसभा के सामने एक विधायक ने पोस्टर लगाकर कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है। पोस्टर वैशाली के राजापकार की विधायक प्रतिमा कुमारी दास की ओर से लगा है, हालांकि उन्होंने यह ध्यान नहीं दिया कि कोर्ट के आदेश के बाद राहुल गांधी की सांसदी तक जा चुकी है।
असल मारामारी इसी को लेकर होगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए जब प्रयास शुरू किया, तभी से एक मुद्दा बार-बार सामने आ रहा कि अगर भाजपा विरोधी दल एकजुट हुए तो उसका नेतृत्व कौन करेगा? इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों में एकजुटता का संकट भी हो रहा था। पहले 12 जून को प्रस्तावित हुई बैठक के टलने की भी एक वजह यही मुद्दा था। ज्यादातर दल राजी थे, लेकिन कांग्रेस की ओर से न तो नंबर वन नेता राहुल गांधी के आने की संभावना थी और न राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आने की चर्चा। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना कष्ट प्रकट करते हुए कहा भी था कि सभी दलों के अध्यक्ष आ रहे हैं, दूसरों के आने से बात नहीं बनेगी। कांग्रेस को पहल करनी होगी। बाद में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद ने हस्तक्षेप किया और राहुल गांधी अब 23 जून की बैठक में शरीक हो रहे हैं। लेकिन, मुद्दा वहीं का वहीं है। राष्ट्रीय दल और कुछ समय पहले के मुकाबले मजबूत नजर आ रही कांग्रेस किसी दूसरे या क्षेत्रीय दल को पीएम की दावेदारी करने देगी? शायद नहीं, जिसकी एक बानगी है यह पोस्टर बोर्ड।
Compiled: up18 News
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