पाकिस्‍तानी रक्षा विशेषज्ञों की पीएम शहबाज को सलाह, भारत से रिश्‍ते सुधारने में ही बुद्धिमानी

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भारत के करीब होते देश

शहजाद चौधरी ने पाकिस्‍तान के अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून में लिखा है कि अमेरिका अब भारत का एक करीबी साथी बन चुका है। यह वह बात है जिसका जिक्र हर पाकिस्‍तानी शिकायती लहजे में करता है। रूस जो अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद जितनी आजादी के साथ भारत इसके साथ बिजनेस कर रहा है, शायद ही इस समय दुनिया का कोई देश ऐसा कर पा रहा हो। वह अपनी शर्तों पर रूस से तेल खरीद रहा है। उनका कहना है कि दुनिया की दो मिलिट्री सुपरपावर जो एक-दूसरे की दुश्‍मन हैं लेकिन भारत के करीब हैं। शहजाद चौधरी की मानें तो यह एक लोकतांत्रित तख्‍तापलट से कम नहीं है।

दुनिया में बढ़ता कद

उनकी मानें तो भारत इस समय पूरी दुनिया के लिए काफी महत्‍वपूर्ण देश है। यह देश जिस तरह से अपनी नीतियों और शर्तों पर आगे बढ़ रहा है, उसने इस एक अलग मुकाम दिलाया है। अर्थव्‍यवस्‍था में अब यह यूके से भी आगे है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन चुका है। अब भारत का मकसद साल 2037 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनना है। विदेशी मुद्राभंडार में भारत दुनिया का चौथा देश है और उसके पास 600 बिलियन डॉलर हैं। जबकि पाकिस्‍तान के पास सिर्फ 4.5 का ही आंकड़ा है। वहं जीडीपी का जिक्र भी शहजाद ने किया है और कहा है कि पिछले तीन दशकों से चीन के बाद इस देश का नाम लिया जा रहा है।

तीसरी सबसे मिलिट्री

शहजाद ने लिखा है कि भारत के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना और तीसरी सबसे बड़ी मिलिट्री है। उन्‍होंने हर उस भारतीय बिजनेसमैन का नाम लिया है जो अब दुनिया में छाए हुए हैं। उनका कहना है कि कृषि से लेकर आईटी उद्योग तक में भारत दु‍निया का लीडर बना हुआ है। उनकी मानें तो पाकिस्‍तान की अपनी चुनौतियां हैं। पाकिस्‍तान की ये चुनौतियां भारत और पीएम मोदी के लिए कारगर साबित हो रही हैं। उन्‍होंने याद दिलाया कि पाकिस्‍तान का करीबी सऊदी अरब भी भारत में 72 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान कर चुका है। जबकि पाकिस्‍तान को सात बिलियन के लिए भी भीख मांगनी पड़ रही है। चीन भी अब मदद से मुंह मोड़ने लगा है।

फिर से बनानी होगी नीति

शहजाद का मानना है कि यही सही समय है जब पाकिस्‍तान की सरकार को अपनी नीतियों को फिर से निर्धारित करना पड़ेगा। भारत के प्रति नीतियों को साहसिक बनाना होगा। साथ ही चीन और एशिया के दूसरे देशों को भी इसमें शामिल करना होगा। उनका मानना है कि पाकिस्‍तान की सरकार को अब उस दिशा में काम करना होगा जहां वह एशिया की बढ़ती आर्थिक तरक्‍की का फायदा उठा सके। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर पाकिस्‍तान इतिहास का हिस्‍सा बन जाएगा।

Compiled: up18 News


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