मोरबी ब्रिज हादसे के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने मृतकों के मुआवजे को लेकर बुधवार को बड़ा आदेश दिया है। गुजरात हाईकोर्ट ने को ओरेवा ग्रुप मृतकों को 10-10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यह फैसला पीड़ितों की उस मांग पर सुनाया जिसमें उन्होंने उचित मुआवजे की मांग की थी। पीड़ितों ने की अपील की थी कि उन्हें भोपाल गैस त्रासदी या फिर उपहार अग्निकांड की तर्ज पर मुआवजा दिया जाना चाहिए।
ओरेवा ग्रुप ने पांच करोड़ मुआवजे की पेशकश की थी
कोर्ट में पीड़ितों के मुआवजे की मांग पर ओरेवा ग्रुप ने पांच करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। अब हाईकोर्ट ने ओरेवा ग्रुप को सभी मृतकों को 10-10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। बता दें कि गांधीनगर से 300 किलोमीटर दूर मच्छु नदी पर बना ये केबल ब्रिज 7 महीने से बंद था। पुल की मरम्मत का काम अजंता मैनुफैक्चरिंग ओरेवा ग्रुप को मिला था।
हादसे में 135 लोगों की हुई थी मौत
आपको बता दे बीते साल 30 अक्टूबर को मोरबी जिले में मच्छु नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज टूट गया था। हादसे के समय पूल पर 300 से 400 लोग मौजूद थे। सभी लोग नदी में गिर गए थे। इस दौरान 135 लोगों की मौत हुई थी और 56 घायल हुए थे। हालांकि, इनमें से कुछ की जान बचा ली गई थी। खास बात यह है कि हादसे से 5 दिन पहले ही 7 महीने की मरम्मत के बाद ब्रिज को खोला गया था। ब्रिज खोलने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया था।
पुलिस ने पेश की 1262 पेज की चार्जशीट
पुलिस ने इस बड़े हादसे के बाद एक एफआईआर दर्ज की थी। इसमें पुलिस ने ओरेवा ग्रुप से जुड़े नौ लोगों को पकड़ा था। ओरेवा ग्रुप के एमडी और प्रमोटर जयसुख पटेल पुलिस की कस्टडी पूरी होने के बाद से जेल में बंद हैं। पुलिस के चार्जशीट पेश करने के बाद जयसुख पटेल ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर दिया था। इस मामले में पुलिस मोरबी कोर्ट में कुल 1262 पेज की चार्जशीट पेश की है।
Compiled: up18 News