रामनवमी पर श्रीकृष्ण-जन्मभूमि हुई राममय, ठाकुर श्रीकेशवदेव जी ने धारण किया श्रीराम का रूप

Religion/ Spirituality/ Culture

इस अवसर पर भगवान श्री केशवदेव जी ने श्रीरामरूप में दर्शन दिये।  भगवान श्रीरामजी का विश‍िष्ट मुकुट, धनुष, बाण, तीर एवं तरकश को धारण कर भगवान श्रीकेशवदेवजी का स्वरूप बहुत ही मनोहारी लग रहा था।  श्रृंगार के लिए विश‍िष्ट रूप से स्वर्ण मण्डित रजत धनुष, बाण, तीर, तरकश ठाकुरजी की छवि को और भी दिव्य बना रहे थे।

श्रीराम जन्ममहोत्सव का मुख्य कार्यक्रम दोपहर 11 बजे श्रीगणेश व नवग्रह पूजन आदि से प्रारम्भ हुआ, तदोपरान्त भगवान का पुष्पार्चन किया गया।

दोपहर ठीक 12 बजे  भगवान के प्राकट्य के समय संपूर्ण मंदिर में ढोल-नगाड़े, झॉंझ-मजीरे, मृदंग आदि बज उठे। संपूर्ण मंदिर परिसर   ‘जय श्रीराम’ के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। श्री बैजनाथ चतुर्वेदी एवं उनकी मण्डली के द्वारा भगवान की प्राकट्य आरती का गायन किया गया। बधाई गायन ढोल, मृदंग, झॉंझ-मजीरे की ध्वनि के मध्य भगवान श्रीराम का जन्माभिषेक संस्थान के सचिव श्री कपिल शर्मा, प्रबंध समिति सदस्य श्री गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी एवं पूजाचार्यों द्वारा संपन्न कराया गया। सभी श्रद्धालुओं को वृहद मात्रा में बधाई रूप में प्रसाद वितरण किया गया।

श्रीकृष्ण-जन्मस्थान के भागवत भवन मंदिर में स्थित श्रीराम जी मंदिर में नवसंवत्सर 2081 दिनांक 09 अप्रैल 2024 से प्रारम्भ हुये श्रीरामचरित मानस के नवान्हपरायण पाठ के समापन दिवस पर आज (17 अप्रैल) बुधवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने स्वर से स्वर मिलाते हुये मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीरामजी के जन्म पर सुन्दर बधाई गायन किया।

श्रीरामनवमी के अवसर पर श्रीरामजी मंदिर को भव्य फूलबंगला, विशेष श्रृंगार, पोशाक, विद्युत एवं पुष्प-सज्जा से सुसज्जित किया गया। भव्य सज्जा के मध्य विराजमान प्रभु श्रीराम-माता जानकी के श्रीविग्रह श्रद्धालुओं को दिव्य दर्शन का आभास करा रहे थे ।

इस अवसर पर श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के पदाधिकारी, अधिकारी एवं मंदिर के पूजाचार्यगण आदि व्यवस्थाओं में जुटे हुऐ थे।

– एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.