उलेमाओं की मौजूदगी में NSA अजीत डोभाल ने समझाया ‘इस्लाम’ का मतलब

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इस दौरान उन्होंने जिहाद को लेकर भी बड़ी बात कही. डोभाल ने कहा कि नफ़्स (अपनी मनोवृत्ति) खिलाफ जिहाद-ए-अफ़ज़ल (सबसे बड़ा जिहाद) है.

अजित डोभाल ने कहा कि इस चर्चा का विषय भारतीय और इंडोनेशियाई उलेमा और विद्वानों को साथ लाना है जिससे वे सहिष्णुता, समृद्धि और शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व को बढ़ाएं. इससे हिंसक चरमपंथ, आतंकवाद और कट्टरता के ख़िलाफ़ लड़ाई को बल मिलेगा.

उन्होंने कहा “किसी भी वजह से चरमपंथ, कट्टरता या फिर धर्म का दुरुपयोग को सही नहीं ठहराया जा सकता. ये किसी भी धर्म की छवि ख़राब करना है, जिसके ख़िलाफ़ हम सबको आवाज़ उठाने की ज़रूरत है. चरमपंथ और आतंकवाद इस्लाम के सही मायनों के विपरीत है क्योंकि इस्लाम का अर्थ शांति, सलामती है. इन नकारात्मक ताक़तों के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की आवाज़ उठे तो उसे धर्म विशेष के विरोध के तौर पर पेश नहीं किया जाना चाहिए.”

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अजित डोभाल ने कहा, “हमें धर्मों के असली संदेश पर ध्यान देना चाहिए, जो मानवता, शांति, समझदारी जैसे सिद्धांतों पर चलते हैं. पवित्र कुरान भी सिखाती है कि एक शख्स का कत्ल पूरी मावनता के कत्ल करने जैसा है और एक शख्स की जान बचाना पूरी मानवता को बचाने के बराबर है.”

Compiled: up18 News