कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ धरना दे रहे पहलवानों पर रविवार को हुई सख़्त कार्रवाई का दिल्ली पुलिस ने बचाव किया है.
दिल्ली की डीसीपी सुमन नलवा ने कहा, “बीते 38 दिनों से दिल्ली पुलिस इन प्रदर्शनकारियों को बहुत सी ऐसी सुविधाएं दे रही थी जो हम अन्य किसी प्रदर्शनकारियों को नहीं देते. इनके पास जेनसेट हैं, पानी की सुविधा थी. ये लगातार वहां बैठे भी नहीं थे. ये आते-जाते थे. जो ये कह रहे थे, हम वो सुविधा दे रहे थे.”
डीसीपी दिल्ली ने कहा- “23 मई को जब इन्होंने कैंडल मार्च का आह्वान किया तो हमने इनसे काफ़ी बातचीत की और ये बताया कि ये हाई सिक्योरिटी ज़ोन है और यहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती, लेकिन इसके बाद भी ये अडिग रहे. हमने वो मार्च शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाया. ”
“कल का दिन बहुत अहम था. कल नई संसद का उद्घाटन था. उसी समय पर इनके प्रदर्शन को कोई भी अनुमति नहीं दे सकता था. इनसे बातचीत हुई लेकिन इन्होंने कुछ भी सुनने से मना कर दिया. इसके बाद जब इन्होंने प्रदर्शन किया तो इन्हें हिरासत में लिया गया. हमारी महिला सिपाहियों ने इन्हें हिरासत में लिया और शाम तक इन्हें छोड़ दिया गया.”
डीसीपी नई दिल्ली के ट्विटर हैंडल से ये सूचना भी दी गई है कि जंतर मंतर पर चल रहे धरने को खत्म कर दिया गया है. साथ ही अब अगर फिर से पहलवान धरना प्रदर्शन की इजाज़त मांगते हैं तो उन्हें जंतर मंतर के अलावा किसी और जगह की अनुमति दी जाएगी.
देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था.
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है और उनकी गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं.
Compiled: up18 News
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