प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में ट्विटर और सोशल मीडिया पर डॉक्यूमेंट्री के वीडियो लिंक को ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को चुनौती दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने द हिंदू अख़बार के पूर्व संपादक एन. राम और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ मिलकर यह याचिका डाली थी.
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली दो जजों की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “केंद्र को अपने जवाब के लिए नोटिस जारी किया गया है. केंद्र से जवाब की ज़रूरत है. हमने याचिकाएं सुनी हैं. हम अब अप्रैल में इसे सुनेंगे.”
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि उसने जो फ़ैसला किया था उसके संबंध में वो ऑरिजिनल फ़ाइल्स पेश करे और इस पर कोई अंतरिम आदेश नहीं जारी होगा.
कोर्ट ने केंद्र सरकार, जवाबदाताओं और अन्य से कहा है कि वो अप्रैल में अगली सुनवाई पर सभी ऑरिजिनल रिकॉर्डस पेश करे.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ”सुप्रीम कोर्ट ने आज हमारी याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया है. इसमें बीबीसी की दो भागों वाली डाक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ पर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गई है.”
भूषण ने लिखा, ”सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें (केंद्र सरकार) कोर्ट के सामने इस मामले से जुड़ी पूरी फाइल पेश करने को कहा है.”
महुआ मोइत्रा ने भी ट्वीट करके कहा है कि उनकी याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में डॉक्यूमेंट्री पर से प्रतिबंध हटाने को कहा था. उन्होंने कहा था कि यह प्रतिबंध असंवैधानिक, दुर्भावनापूर्ण और मनमाना है.
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.