तलाक-ए-बाइन और तलाक-ए-किनाया पर सुप्रीम कोर्ट से नोटिस जारी

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याचिकाकर्ता महिला ने सुनाया अपना दर्द

याचिकाकर्ता, कर्नाटक की पेशे से डॉक्टर सैयदा अंबरीन ने कहा कि उसकी शादी 22 अक्तूबर 2020 को मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार उसके पति से हुई थी और शादी के बाद उसके पति और उसके परिवार के सदस्यों ने दहेज के लिए उसे शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। जब याचिकाकर्ता के पिता ने दहेज देने से इंकार कर दिया तो उसके पति ने भी एक डॉक्टर ने उसे एक काजी और वकील के माध्यम से तलाक-ए-किनाया/तलाक-ए-बाइन दे दिया, जो पूरी तरह से अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 के खिलाफ है।

जनवरी 2022 में काजी कार्यालय से एक पत्र भेजा गया जिसमें उनके पति ने उन पर कुछ अस्पष्ट आरोप लगाए और कहा कि इन सभी शर्तों के कारण इस वैवाहिक संबंध को जारी रखना संभव नहीं है।

-एजेंसी