आगरा। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को सांसद रामजीलाल सुमन से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सांसद के आवास पर हुआ हमला और उसके बाद खुलेआम हथियारों का प्रदर्शन एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। उन्होंने दावा किया कि इसमें भीड़ को कठपुतली की तरह का इस्तेमाल किया गया, जिनका धागा लखनऊ या दिल्ली के हाथों में था।
रामजीलाल सुमन पर हमला पीडीए को डराने की कोशिश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगरा सांसद रामजीलाल सुमन के निवास पर करणी सेना द्वारा किए गए हमले को लेकर कहा कि ये पीडीए को डराने की कोशिश की गई थी जो अचानक नहीं हुआ था बल्कि साजिश के तहत हुआ था। यह एक सोची समझी चाल है। हमलावरों का इरादा जान लेने का और दलितों-अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश करने का था।
राणा सांगा पर राज्यसभा में दिए बयान के बाद छिड़े सियासी घमासान के बीच शनिवार को सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने संजय प्लेस स्थित उनके आवास पहुंचे। उनके आगमन से पहले ही यहां भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान पुलिस अलर्ट दिखाई दी।
सपा प्रमुख बोले- भीड़ को कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया गया, इनके धागे लखनऊ या दिल्ली के हाथ में थे
संजय प्लेस स्थित एचआईजी फ्लैट्स में सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर पहुंचे अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम को “लोकतंत्र की मर्यादाओं का चीरहरण” करार दिया। उन्होंने कहा, शांतिपूर्ण सम्मेलन के नाम पर तलवारें, बंदूकें और डंडे लहराए गए। इससे पहले बुलडोजर थानों की सीमाएं लांघते हुए सांसद के घर पहुंचे। यह किसी भी रूप में सामान्य विरोध नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने दावा किया कि यह केवल एक स्थानीय विवाद नहीं बल्कि सरकार प्रायोजित साजिश थी। हमले और हथियार प्रदर्शन को सरकार का खुला समर्थन प्राप्त था। यहां तक कि इसके लिए फंडिंग भी की गई।
करणी नहीं ये योगी सेना आगरा में बोले अखिलेश यादव, मुकदमा तक नहीं हो रहा दर्ज
आगरा में अखिलेश यादव ने बयान दिया, उन्होंने करणी सेना को “योगी सेना” कहकर निशाना साधा और कहा कि उनके खिलाफ धमकियों के बावजूद मुकदमा तक दर्ज नहीं हो रहा। यह बयान उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है। अखिलेश ने कहा, “हम डरने वाले नहीं,” और यूपी में कानून व्यवस्था को “शून्य” बताया।
गलत भाषा और जानलेवा मंशा
सपा प्रमुख ने कहा कि सांसद सुमन और उनके परिवार को डराने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा, हमारे सांसद के लिए असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया गया और ऐसा माहौल बनाया गया जिससे साफ था कि हमला जानलेवा हो सकता था।
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में कुछ भोले-भाले लोगों को आगे कर दिया गया, लेकिन योजना कहीं और बनी थी। “मुझे गोली मारने की धमकी दी गई। मैं जानता हूं कि ये धमकी देने वाला खुद नहीं बोला। वह तो भोला भाला है। किसी और ने उससे ये कहलवाया।
इतिहास को इतिहास ही रहने दें
राणा सांगा पर सांसद सुमन द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान पर उठे विवाद को लेकर जब अखिलेश से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने दो टूक कहा कि जब वह बयान कार्यवाही से हटा दिया गया था, तो फिर उसे बार-बार वायरल करना केवल माहौल खराब करने की कोशिश है। उन्होंने सुझाव दिया कि इतिहास के विवादित हिस्सों को तूल न दिया जाए।
विपक्ष को डराने की कोशिश
अखिलेश ने कहा कि सरकार आगरा और प्रदेश भर में पीडीए (पिछड़े-दलित-अल्पसंख्यक) वर्ग के नेताओं को डराने की कोशिश कर रही है। हमारे नेता सुमन पर हमला करके सरकार ने यही संदेश देने की कोशिश की है।
सपा प्रमुख ने यह भी बताया कि सांसद सुमन से मिलने के लिए राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव पहले ही आगरा आ चुके हैं, और वे स्वयं पार्टी की एकजुटता दिखाने के लिए अब पहुंचे हैं।
इससे पूर्व अखिलेश के पहुंचते ही आवास के बाहर सड़क पर खड़े सपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत में जोरदार नारेबाजी और आवास परिसर में जाने का प्रयास किया पर पुलिस ने किसी को भी अंदर नहीं घुसने दिया। आवास के चारों तरफ़ पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी।