हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम के नोटिस को चुनौती देती याचिका पर बुधवार (14 फरवरी) को सुनवाई की। याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं दी और राज्य सरकार को मामले में छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस अतिक्रमण को हटाने पर आठ फरवरी को बनभूलपुरा में बवाल हो गया था। आगजनी कर गाड़ियां फूंकी गई और पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। छह लोगों की मौत हुई है। तब से संवेदनशील इलाके में कर्फ्यू प्रभावी है।
याचिका के मुताबिक तत्कालीन सरकार ने लीज पर दिया था जमीन
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हल्द्वानी की साफिया मलिक की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया था कि तत्कालीन सरकार ने 1937 में जमीन को लीज में दिया था।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि नगर निगम हल्द्वानी की ओर से नियम विरुद्ध तरीके से ध्वस्तीकरण नोटिस दिया गया जबकि सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि लीजधारक ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया।
लीज केवल कृषि कार्य के लिए 10 वर्ष के लिए दी गई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
-एजेंसी