जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीबीसी से एक ख़ास बातचीत में दोहराया है कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से बातचीत की कोई ज़रूरत नहीं है.
कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमलों को ‘आतंकवादी हमला’ बताते हुए सिन्हा ने कहा है कि एक समय था जबकि पाकिस्तान से फ़रमान आने पर कश्मीर में दुकानें बंद हो जाती थीं और वो स्थिति अब बदली है.
उन्होंने हुर्रियत कांफ़्रेंस के चेयरमैन मीरवायज़ उमर फ़ारुक़ के ‘नज़रबंद या बंद’ होने से स्पष्ट रूप से इंकार करते हुए कहा है कि उनके घर के आस-पास मौजूद पुलिस सिर्फ़ उनकी सुरक्षा के लिए तैनात है.
उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद आए बदलावों की भी चर्चा की है.
-एजेंसी