राजग की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से दिल्ली पहुंच गईं। यहां पहुंचते ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुर्मू शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगी। राष्ट्रपति पद के लिए उनका मुकाबला विपक्ष के साझा प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से होगा।
भुवनेश्वर से दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. वीरेंद्र कुमार तथा भाजपा नेता मनोज तिवारी ने मुर्मू का स्वागत किया। इसके बाद वे पीएम मोदी से मिलने उनके निवास पर गईं।
मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उनके राष्ट्रपति पद के नामांकन को समाज के सभी वर्गों ने पूरे देश में सराहा है। जमीनी समस्याओं और भारत के विकास के लिए उनकी समझ उत्कृष्ट है।’
इससे पहले भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में भावी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बेटी इतिश्री ने कहा कि मां राष्ट्रपति बनने जा रही हैं, यह अविश्वसनीय लग रहा है। ओडिशा की एक बैंक में कार्यरत इतिश्री ने कहा कि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है। हमें अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि ऐसा होने जा रहा है। इतिश्री ने कहा कि मां को भी यह भरोसा नहीं था।
कितनी मजबूत हैं राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू
केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के पास राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी कुल 5,26,420 मत हैं। मुर्मू को जीतने के लिए 5,39,420 मतों की जरूरत है। अब अगर चुनावी समीकरणों को देखें तो ओडिशा से आने के कारण सीधे तौर पर मुर्मू को बीजू जनता दल (बीजद) का समर्थन मिल रहा है। यानी बीजद के 31000 मत भी उनके पक्ष में पड़ेंगे। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पहले ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे चुके हैं। इसके अलावा अगर वाईएसआर कांग्रेस भी साथ आती है तो उसके भी 43000 मत उनके साथ होंगे। इसके अलावा आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुर्मू का विरोध करना मुश्किल है। झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे।
सिन्हा का पलड़ा कमजोर
द्रौपदी मुर्मू के सामने यशवंत सिन्हा का पलड़ा काफी कमजोर दिखाई दे रहा है। एकमत विपक्ष के उम्मीदवार होने के बाद भी उनके पास फिलहाल 3,70,709 वोट हैं। हालांकि, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि राजग के सामने विपक्षी एकता कितने समय तक कायम रह पाती है।
यहां समझें पूरा गणित
राजग- कुल मत: 5,26,420
जीत के लिए जरूरी: 5,39,420
बीजद (31,000 मत) व वाईएसआर कांग्रेस (43,000 मत) का समर्थन मिलने पर सत्तारूढ़ राजग की स्थिति : 6,00,420
आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुर्मू का विरोध करना मुश्किल। झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे। अभी झामुमो को छोड़ भी दें, तो राजग के पास छह लाख से ज्यादा मत हैं।
विपक्ष: सिन्हा बहुत पीछे
विपक्ष के पास करीब 3,70,709 वोट
यूपीए: 2,59,000
टीएमसी: 58,000
सपा: 28,688
वाम दल: 25,000 वोट
देखना दिलचस्प होगा कि राजग की ओर से आदिवासी महिला उम्मीदवार उतारे जाने के बाद विपक्ष में एकता कायम रहती है या नहीं।
एनसीपी चीफ शरद पवार के मुताबिक विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वहीं सूत्रों के मुताबिक एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 24 जून को नामांकन दाखिल कर सकती हैं। राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा। वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अंतिम तिथि 29 जून है।
-एजेंसियां
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