कौशांबी बालिका रेप केस प्रकरण में राष्ट्रीय बाल आयोग ने लिया संज्ञान, चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के प्रयास रंग लाए

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एसपी को नोटिस जारी कर सात दिन में तलब की रिपोर्ट

कौशांबी के लोहंदा सैनी कोतवाली इलाके में 27 मई 2025 को 8 वर्षीय मासूम बच्ची से रेप प्रकरण में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए सीपीसीआर अधिनियम 2005 की धारा 13(1) (जे) के अंतर्गत आगरा के चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस की शिकायत का संज्ञान लेते कौशांबी के पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर सात दिन में रिपोर्ट तलब की है।

छह बिंदुओं पर मांगा जवाब

राष्ट्रीय बाल आयोग को पाॅक्सो अधिनियम 2012 की धारा 44 एवं नियम 12 पाॅक्सो 2012 के अंतर्गत अधिनियम को क्रियान्वयन को निगरानी का अध्यादेश दिया गया है। इसी के अंतर्गत एसपी को पत्र जारी में कहा है कि पीड़िता की पहचान की गोपनीयता हर स्तर पर सुनिश्चित करते हुए प्रकरण में की गई वैधानिक रिपोर्ट दस्तावेजों के साथ छह बिंदुओं पर सात कार्य दिवस के भीतर प्रेषित करें।

ये मांगे दस्तावेज

1. एफआईआर की स्पष्ट और सत्यापित प्रति
2. आरोपी के विरुद्ध की गई कार्रवाई की रिपोर्ट
3. पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट स्पष्ट और सत्यापित प्रति
4. जन्म प्रमाण पत्र
5. 183 बीएनएस के तहत लिए गए पीड़िता के बयान
6. बाल कल्याण समिति के आदेश/निर्देश

सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश नहीं की बालिका

आगरा निवासी चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रदेश में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों को सरकार और न्यायालय के समक्ष उठाते हैं। आयोग को दर्ज कराई शिकायत में उन्होंने कहा कि पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि गांव के में रामायण पाठ का कार्यक्रम चल रहा था। उसी समय मेरी पुत्री कार्यक्रम से घर जा रही थी। रास्ते में गांव के धन्नू उर्फ सिद्धार्थ ने मेरी पुत्री को पकड़कर पास के ईंट भट्टा पर ले गया। जहां उसके साथ अश्लील हरकतें की और अप्राकृतिक कृत्य किया।

रेप के आरोप में पुलिस ने धुन्नू उर्फ सिद्धार्थ तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। पुलिस ने बीएनएस की धारा 65(2), 351(3) तथा पॉक्सो की धारा 5 एवं 6 के तहत मुकद्मा दर्ज किया। बेटे को निर्दोष मानते हुए आरोपी के पिता रामबाबू तिवारी ने 4 जून 2025 को सैनी कोतवाली के सामने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। एसआईटी की जांच के बाद युवक को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स में बालिका को थप्पड़ मारना बताया जा रहा है। पॉक्सों की धारा 19(6) के अनुसार पॉक्सो के तहत मुकद्मा दर्ज होने पर पीड़िता को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रावधान है। पीड़िता को अभी तक बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है। बच्चे के साथ मारपीट करना किशोर न्याय (देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 75 के तहत अपराध है। सोशल मीडिया तथा अन्य प्लेटफार्म पर बच्ची तथा उसके परिवार की पहचान को सार्वजनिक किया जा रहा है। वायरल वीडियो में बालिका ने बताया कि उसे अश्लील वीडियों भी दिखाई और अश्लील वीडियों भी बनाई गई। बालिका के अधिकार गौण हो गए हैं।

ये उठाई मांग

नरेश पारस ने आयोग से मांगी की कि बालिका की काउंसलिंग कराई जाए। विधिक सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाए। पॉक्सो सपोर्ट पर्सन नियुक्त किया जाए। बयान और मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन किया जाए। बालहित को ध्यान में रखते हुए बालिका को न्याय दिलाया जाए।

-up18News