अरबी फिल्म ‘अशब वाला आज’ पर बुरी तरह भड़के मुस्‍ल‍िम देश

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इस वक्त नेटफ्लिक्स की पहली अरबी फिल्म ‘Ashab Wala Aaz’ की चर्चा हो रही है। इस फिल्म को लेकर अरब और मिस्त्र के देशों में बड़ा बवाल मच गया है। फिल्म के कुछ सीन्स ऐसे हैं, जिन्हें देख लोग गुस्से से भड़क गए हैं और फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं।

‘अशब वाला आज’ इटली की फिल्म ‘Perfect Strangers’ का अरबी रीमेक है, जिसमें लीड हिरोइन को अंडरवेयर उतारते दिखाया गया है। इसे देख मुस्लिम देशों में गुस्सा फूट पड़ा है। लोगों का कहना है कि इस फिल्म के जरिए अरब समाज को भ्रष्ट करने के साथ ही अरब देशों की संस्कृति को निशाना बनाने की कोशिश की गई है।

एक्ट्रेस Mona Zaki का भारी विरोध

मिस्र में इस सीन पर कड़ी आपत्ति जताई जा रही है क्योंकि लीड हिरोइन मोना जाकी (Mona Zaki) मिस्र की बड़ी स्टार हैं। वहां के लोगों का मानना है कि आखिर उनके जैसी स्टार इस तरह का सीन कैसे कर सकती है? कई आलोचकों ने एक्ट्रेस पर आपत्तिजनक सीन्स का हिस्सा बनने पर विरोध जताया है। आलोचकों का कहना है कि यह फिल्म समलैंगिकता को बढ़ावा देने वाली है। यह मिस्र के समाज की नैतिकता और पारिवारिक मूल्यों पर हमला है।

‘Ashab Wala Aaj’ को कई अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में बनाया गया है। मुस्लिम देशों में इस फिल्म को लेकर खूब बवाल मच रहा है। खासकर मिस्त्र को कई सीन्स पर आपत्ति है।

इन सीन्स पर हो रहा विवाद

इस फिल्म के एक सीन में एक पिता अपनी बेटी से कहता है कि वह यह फैसला लेने के लिए पूरी तरह आजाद है कि वह बॉय्रफेंड के साथ सेक्स करना चाहती है या नहीं। वहीं एक और सीन है, जिसमें एक महिला दूसरे आदमी के साथ डिनर पर जाने से पहले अपना अंडरवेयर उतार देती है। इसी सीन पर बड़ा बवाल हो गया है और आलोचक कह रहे हैं कि इसके जरिए लोगों को मानसिक रूप से भ्रष्ट करने की कोशिश की जा रही है। फिल्म के कुछ और सीन्स पर कड़ी आपत्ति जताई जा रही हैं। इनमें से एक वह सीन है, जिसमें एक आदमी खुद के समलैंगिक होने के बारे में खुलासा करता है। उसके इस खुलासे पर दोस्त हैरान रह जाते हैं।

यह है फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी 7 दोस्तों और उनकी डिनर पार्टी के इर्द-गिर्द घूमती है। डिनर टेबल पर इन 7 दोस्तों की निजी जिंदगी से जुड़े ऐसे खुलासे होते हैं कि आपसी रिश्ते ही बदल जाते हैं। ट्विस्ट तब आता है जब पार्टी की होस्ट सभी से एक गेम में हिस्सा लेने को कहती है। उस गेम में सारे दोस्त एक-दूसरे के साथ अपने मेसेज, ईमेल और तस्वीरें एक्सचेंज करते हैं। यहीं से उनके आपसी रिश्तों की कड़ी अग्निपरीक्षा शुरू होती है।

पहले भी फिल्मों में दिखी समलैंगिकता

‘Ashab Wala Aaj’ पहली ऐसी फिल्म नहीं है, जिसमें समलैंगिकता दिखाई गई हो। इससे पहले 2006 में आई फिल्म ‘The Yacoubian Building’ में मिस्र के टॉप ऐक्टरों ने समलैंगिक किरदार निभाया था, जिस पर खूब बवाल मचा था।

अरब देशों में इन चीजों पर प्रतिबंध

बता दें कि अरब देशों में शादी से पहले सेक्स, समलैंगिकता और एक्स्ट्रा मैरिटल जैसे विषयों पर कॉन्टेंट या फिल्में देखने पर प्रतिबंध है। किसी फिल्म में अगर समलैंगिक सीन होता है तो उसे सेंसर कर दिया जाता है। इस अरबी फिल्म पर छिड़े विवाद ने कलात्मक स्वतंत्रता बनाम सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता पर एक बार फिर बहस को जन्म दे दिया है। ताज्जुब की बात तो यह है कि मध्य-पूर्वी देशों में ऐसी नॉन-अरबी फिल्में और सीरीज दिखाई जाती हैं, जिनमें न्यूडिटी से लेकर समलैंगिकता और प्रीमैरिटल सेक्स तक होता है, जोकि आमतौर पर वहां सिनेमाघरों में बैन है।

मिस्र में क्यों मच रहा है बवाल?

मिस्त्र और लेबनान में भी इस फिल्म के प्रति गुस्सा देखा जा रहा है। मिस्र में समलैंगिकता पर बैन है। वहां ज्यादातर लोगों का मानना है कि इसे पूरी तरह बैन कर दिया जाना चाहिए। मिस्र में इसे लेकर कड़ा कानून है।साल 2017 में असामान्य शारीरिक संबंध बनाने के मामले में 14 लोगों को दोषी करार देकर 3-3 साल की सजा सुनाई गई थी। यही नहीं वहां फिल्मी पर्दे पर धर्म से संबंधित कोई चीज या सेक्स दिखाने पर भी पाबंदी थी। कई ऐसी फिल्में रहीं, जिन्हें मिस्र में रिलीज नहीं होने दिया गया। शादी के बाहर सेक्स और समलैंगिकता दो ऐसी चीजें हैं, जिन्हें अरबी देशों में विवादित माना जाता है। लेकिन ‘अशब वाला आज’ पहली ऐसी अरबी फिल्म है, जिसमें ये दोनों की चीजें दिखाई गई हैं।

अरब देशों में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्म

यह फिल्म 20 जनवरी को रिलीज हुई थी और इसे खूब पसंद किया गया। यह फिल्म रिलीज के दो हफ्तों के अंदर ही अरब देशों में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्म बन गई थी। जब फिल्म हिट हो गई तो अचानक ही इस पर विवाद खड़ा हो गया और लोग बैन करने की मांग कर रहे हैं। इस फिल्म के चक्कर में मिस्र के संस्कृति मंत्रालय और सेंसर कार्यालय के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। ऐसा ही हाल अरब देशों में रहा है। सऊदी में तो 1979 में फिल्में देखने पर बैन लगा दिया गया था। हालांकि 39 साल बाद इस बैन को हटा दिया गया और अब वहां लोग फिल्में देखने लगे हैं।

-एजेंसियां


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