रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को साधने में जुटे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को मास्को ने कश्मीर के मुद्दे पर बड़ा झटका दिया है। रूस ने साफ कह दिया है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है और मास्को द्विपक्षीय मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति पर पूरी तरह से कायम है।
दरअसल, ‘रूस सरकार से जुड़े’ एक मीडिया संगठन के कश्मीर की तुलना फलस्तीन से करने पर भड़के विवाद के बाद यह सफाई है। रूसी बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इमरान खान अगले महीने रूस जाने की योजना बना रहे हैं।
रूस की यह सफाई ऐसे समय पर आई है जब रूसी मीडिया संगठन रेडफिश ने कहा था कश्मीर एक और फलस्तीन बनने की ओर बढ़ रहा है। इस रूसी संगठन का दावा है कि वह कई पुरस्कार हासिल कर चुका है और जमीनी स्तर पर जारी संघर्ष में जुड़ा हुआ है ताकि पूंजीवादी व्यवस्था से उलट एक वैकल्पिक व्यवस्था का निर्माण किया जा सके। कई लोगों का आरोप है कि इस रूसी मीडिया संगठन को पुतिन सरकार की ओर से समर्थन हासिल है। ट्विटर ने भी इसे ‘रूस सरकार से जुड़ा संगठन’ माना है।
द्विपक्षीय मुद्दे में हस्तक्षेप न करने की नीति में कोई बदलाव नहीं
रेडफिश के इस विवादित वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर रूसी दूतावास से जवाब मांगे जाने लगा। इस पूरे विवाद पर रूसी दूतावास ने एक बयान जारी करके कहा कि ट्विटर के रूस सरकार से जुड़ा संगठन बताए जाने का मतलब यह नहीं है कि उसे रूस सरकार की ओर से कोई समर्थन हासिल है। दूतावास ने कहा कि चैनल संपादकीय रूप से निष्पक्ष होकर काम करता है लेकिन आशा जताई कि एक पेशेवर मीडिया समूह से इस मुद्दे की जटिलता और ऐतिहासिक बैकग्राउंड को पूरा महत्व देने और संतुलित रवैया अपनाए जाने की जरूरत है।
रूस ने कश्मीर को लेकर कहा, ‘रूस की कश्मीर मुद्दे पर आधारिक स्थिति और द्विपक्षीय मुद्दे पर हस्तक्षेप नहीं करने की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसका समाधान भारत और पाकिस्तान को ही निकालना होगा और यह शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र पर आधारित होना चाहिए।’ रूस का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब इमरान खान अगले महीने रूस जाने की योजना बना रहे हैं।
पिछले दिनों रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इमरान खान से कई बार तालिबान को लेकर बात की थी। पाकिस्तान लगातार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर जोर दे रहा है लेकिन भारत इसका विरोध कर रहा है।
-एजेंसियां