सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपने निर्देशों का पालन न करने के लिए कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है. शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद के ”भ्रामक विज्ञापनों” से जुड़े केस में दोनों को फटकार लगाई है.
पतंजलि की ओर से पिछले महीने इस मामले में माफी भी मांगी गई थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि वो कंपनी की ओर से इस तरह माफी मांगने से खुश नहीं है.
कोर्ट की ओर से माफीनामे के मुद्दे पर नाराज़गी ज़ाहिर करने के बाद रामदेव के वकील ने कहा कि रामदेव और बालकृष्ण दोनों निजी तौर पर माफ़ी मांगने के लिए तैयार हैं.
रामदेव के वकील ने कहा, ”हम माफ़ी मांगना चाहते हैं और कोर्ट जो भी कहे वो करने के लिए तैयार हैं.”
सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को पतंजलि से कहा था कि वो अपनी दवाओं से जुड़े सभी भ्रामक विज्ञापन इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट माध्यमों से तुरंत हटा ले.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई कार्रवाई न करने के लिए केंद्र सरकार की भी खिंचाई की और कहा कि ये लोग आंख मूंद कर बैठे हुए हैं.
कोर्ट ने कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को तुरंत कोई कार्रवाई करनी होगी.”
-एजेंसी
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