आगरा: एक समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी खास पहचान बनाने वाले पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का शुक्रवार देर रात यहां एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे।
प्रदेश की मायावती सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय का इलाज रेनबो हॉस्पिटल में चल रहा था। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। अस्वस्थता के चलते काफी समय से वह राजनीति में सक्रिय नहीं थे। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने आगरा में शास्त्रीपुरम स्थित आवास पर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता हासिल की थी। उसके बाद से उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया। उस समय भी अस्वस्थ होने के कारण वे भाजपा कार्यालय नहीं जा सके थे। इसलिए भाजपा ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी ने उनके आवास पर पहुंच पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। उन्हें लोगों के अभिवादन के लिए व्हील चेयर पर बैठ कर आना पड़ा था।
बसपा में रामवीर उपाध्याय के पास अहम जिम्मेदारियां रहीं। वर्ष 1996 में पहली बार हाथरस सदर से विधायक बनने के बाद वर्ष 1997 में हाथरस को अलग जनपद का दर्जा दिलाने में रामवीर उपाध्याय की अहम भूमिका रही। वे परिवहन और चिकित्सा शिक्षा, ग्रामीण समग्र विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने कई वर्ष ऊर्जा मंत्रालय भी संभाला। वर्ष 2002 और 2007 में हाथरस सदर, 2012 में सिकंदराराऊ और 2017 से वह सादाबाद से विधायक बने। बसपा ने उन्हें लोक लेखा समिति का सभापति भी बनाया। विधानमंडल दल में मुख्य सचेतक भी रहे।
इस दौरान रामवीर का पूरा परिवार राजनीति में आ गया। पत्नी सीमा उपाध्याय लगातार दो बार वर्ष 2002 और 2007 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। वर्ष 2009 में वह फतेहपुर सीकरी से सांसद का चुनी गईं। उन्होंने सिने स्टार राज बब्बर को हराया था। वर्तमान में सीमा भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई विनोद उपाध्याय वर्ष 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष बने। दूसरे भाई मुकुल उपाध्याय वर्ष 2005 में इगलास के उपचुनाव में बसपा से विधायक बने। इसके अलावा अलीगढ़ मंडल से एमएलसी और राज्य सेतु निगम के निदेशक भी रहे। वे वर्तमान में भाजपा में हैं। सबसे छोटे भाई रामेश्वर वर्तमान में मुरसान के ब्लाक प्रमुख हैं।
-up18news
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.