मेरठ। अवैध रूप से सरकारी जमीन को हथियाने वालों की संपत्ति पर सरकार का बुलडोजर चल रहा है, वहीं कब्जायुक्त सरकारी जमीनों को खाली कराया जा रहा है। पिछले 3 दिनों में जिले में 29 हजार वर्ग मीटर जमीन से कब्जा हटवाया गया है। मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह की सख्ती के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण ने सरकारी जमीनों को खाली कराने का कदम उठाया। जमीन की कीमत लगभग 25 करोड़ रुपए से भी अधिक है।
विकास प्राधिकरण सोता रहा, कब्जा होती रही जमीन
अर्बन सीलिंग की जमीन मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) के क्षेत्र में आती है। अपनी ही जमीन को MDA कब्जों से बचा नहीं पाया और प्राधिकरण के बाबुओं की मिलीभगत के चलते जिले में धीरे-धीरे सरकारी जमीनों पर कब्जा होता गया। मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने जब सरकारी जमीनों का रिकार्ड मांगा और जांच कराई तो तमाम सरकारी जमीनों पर कब्जे मिले। MDA के देखते-देखते जमीनों पर कब्जा होता रहा। कमिश्नर ने पूरी जमीन को खाली कराकर लैंडबैंक तैयार करने का आदेश दिया।
डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को नहीं मिलती जमीन
सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा है, जब भी सरकार जिले में कोई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाने की बात करती है तो जमीन की कमी के कारण वो पूरा नहीं हो पाता। प्रशासन जमीन की अनुपलब्धता बताकर पल्ला झाड़ लेता है। अमूल दुग्ध प्लांट, औद्योगिक क्षेत्र का विस्तारीकरण, न्यू इंडस्ट्रियल एरिया के प्रोजेक्ट जमीन की कमी के कारण ही मेरठ से छिन चुके हैं।
कब्जा करने वालों से वसूली होगी गैंगस्टर लगेगा
सरकारी जमीनों पर कब्जे का कोई मामला न्यायालय में चल रहा है तो उस जमीन को भी वैधानिक तरीके से कब्जामुक्त कराया जाएगा। एमडीए के बाद दूसरे विभागों की जमीनों को भी मंडलायुक्त ने खाली कराने का आदेश दिया है। किसी ने सरकारी जमीन को कब्जाकर बेच दिया है तो उन पर एक्शन होगा उन पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जाएगा, उनकी संपत्ति को कुर्क करके उनसे वसूली की जाएगी।
मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 3 दिनों में लगभग 25 करोड़ रुपए की अर्बन सीलिंग की जमीन को कब्जा मुक्त कराया जा चुका है। लगभग 29हजार वर्ग मीटर की जमीन है जिसे अब तक खाली कराई गई है। इस जमीन को कंटीले तार या बाउंड्री बनाकर घेरा जाएगा।
– एजेंसी
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