मायावती ने सपा और अखिलेश पर लगाए कई आरोप, गेस्ट हाउस कांड भी उठाया

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बसपा प्रमुख ने अपने ट्वीट में 1995 के गेस्ट हाउस कांड और लखनऊ में बसपा दफ़्तर के पास फ्लाई ओवर बनवाने के लिए सपा और अखिलेश यादव पर कई आरोप लगाए हैं.
उन्होंने राज्य सरकार से सुरक्षा कारणों से लखनऊ स्थित बसपा दफ़्तर को कहीं और स्थानांतरित करने की मांग भी की है.

मायावती ने सोमवार को समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए पांच ट्वीट किए.

उन्होंने लिखा, “सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है. हालांकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आम चुनाव में सपा से गठबंधन करके इनकी दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया. लेकिन चुनाव ख़त्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई.”

उन्होंने लिखा, “और अब सपा मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं, उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है.”
“वैसे भी सपा के 2 जून, 1995 (गेस्ट हाउस कांड) सहित (कई) घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान कई दलित-विरोधी फ़ैसले लिए गए. इनमें बीएसपी यूपी स्टेट आफिस के पास ऊँचा पुल बनवाने का कृत्य भी है, जहाँ से षड्यंत्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुँचा सकते हैं. इसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहाँ से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा.”
उन्होंने आरोप लगाया है कि असुरक्षा के कारण वो राज्य के पार्टी मुख्यालय में बैठक करने नहीं जा पातीं.

मायावती ने लिखा, “इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है. जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुँचने पर वहाँ पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है.”

मायावती ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा, “ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहाँ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है.”
मायावती ने सरकार से दलित-विरोधी तत्वों से सख़्ती से निपटने की मांग भी की है.

Compiled: Legend News