मथुरा: शातिर जालसाजों ने नकली सोने के जेवरात गिरवी रखकर बैंक से लगभग 2.80 करोड़ रुपये का लोन ले लिया। शातिरों ने एक नही बल्कि चार बैंकों को धोखाधडी का शिकार बनाया। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड पिता-पुत्री समेत चार को गिरफ्तार किया है तो वहीं 16 आरोपी अभी भी पकड़ से दूर हैं। पुलिस फरार जालसाजों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। पकड़े गए शातिरों से पुलिस ने उनके कब्जे से एक कार और बाइक बरामद की है। इस पूरे मामले का खुलासा एसएसपी मथुरा ने प्रेस वार्ता के दौरान किया।
बैंक में गिरवी रखे नकली जेवरात
एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि शहर में स्टेट बैंक की दो शाखा गोविंदगंज और डैंपियर नगर व केनरा बैंक की शांति मार्केट एवं चौक बाजार शाखा में सोने के जेवरात गिरवी रखकर 2.80 करोड़ रुपये का लोन लिया गया था। बैंक की अधिकृत दुकान देव टंच के नौकर से मिलीभगत करके जेवरात का फर्जी तरह से टंच कराकर बैंक में रिपोर्ट भी सौंप दी।
ऑडिट में खुला मामला
गोल्ड लोन लेने वालों की ऑडिट हर तीन महीने में होती है। इसका खुलासा होने पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस की जांच में हकीकत से पर्दा हट गया। पूरे मामले के मास्टरमाइंड राजेश अग्रवाल निवासी गऊघाट, उनकी बेटी श्रेया अग्रवाल, सुहेल निवासी घीयामंडी, देव टंच के नौकर धर्मेंद्र सोनी उर्फ तोती निवासी तमोली धर्मशाला के पास को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी मथुरा ने बताया कि बुलट गोल्ड लोन लेने पर एक साल तक बैंक में किश्त जमा करने की जरूरत नहीं है। फिर भी हर तीन माह में बैंक गोल्ड लोन लेने का ऑडिट कराती है। बुलट गोल्ड लोन पर 65 प्रतिशत का सोना गिरवी रखा जाता है जबकि सामान्य गोल्ड लोन पर 75 प्रतिशत का सोना गिरवी रखा जाता है। मास्टरमाइंड राजेश अग्रवाल ने केनरा बैंक की दो शाखाओं ने 1.35 करोड़ और एसबीआई की दो शाखाओं से 1.45 करोड़ रुपये नकली सोने के जेवरात गिरवी रखकर हड़पे हैं। इन जालसाजों ने दोनों तरह के लोन दो बैंकों की चार शाखाओं से लिए हैं।
मास्टरमाइंड ने तैयार किए नकली जेवरात
इस पूरी जालसाजी का मास्टरमाइंड राजेश अग्रवाल सुनार का कार्य करता है। अपने यहां ही नकली सोने के जेवरात तैयार किए। इसके बाद देव टंच के नौकर को अपने विश्वास में लिया। फर्जी टंच की रिपोर्ट बनवाकर चार बैंकों से यह गोल्ड लोन लिए गए। जालसाजी में अपने साथ लोगों को लालच देकर कागजात हासिल करके लोन लिए। इस लोन की रकम आने पर खुद 60 प्रतिशत का हिस्सा रखा, जबकि 40 प्रतिशत उस व्यक्ति को दिए, जिसके नाम से लोन लिया गया। इसके खाते की जांच की गई तो यह स्पष्ट हो सका। शुरुआत में आठ ही नामजद कराए गए थे, पर जांच में कई व्यक्ति इसमें शामिल पाए गए।
इन जालसाजों की तलाश
एसएसपी मथुरा ने बताया कि जालसाजी में शामिल हेमेंद्र प्रकाश वर्मा निवासी हीरा मार्केंट सेठबाड़ा, नरेंद्र निवासी घाटी बहालराय, सतीश, सीताराम, रेनू, लता, विपिन कुमार, मीना, पुष्पा, गीतम और माया निवासीगण गढ़ाया लतीफपुर फरह, भूपेंद्र शर्मा निवासी गऊघाट, नरेश निवासी नगला छत्ती, हेमा निवासी बाढ़पुरा सैनी चौपाल, सुशील निवासी सरवनपुरा द्वारिकाधीश मंदिर के पीछे, शिशुपाल निवासी गढ़ाया की तलाश जारी है।
एसएसपी ने बताया कि रंजना वर्मा निवासी कृष्णापुरम, बिड़ला मंदिर अग्रिम जमानत पर हैं। इसके अलावा 16 जालसाजों की तलाश की जा रही है। जल्द ही यह फरार आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। कोतवाल विजय कुमार सिंह, एसआई अवधेश पुरोहित, एसआई योगेश नागर, एसआई विजय कुमार, एसआई गुरुदास गौतम, एसआई सुभाष चंद आदि टीम में शामिल रहे
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