मैं वो आदमी नहीं हूं तो जल्दी संतुष्ट हो जाए… प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को यह बात कही थी। जी-7 समिट में भाग लेने और पापुआ न्यू गिनी के दौरे के बाद प्रधानमंत्री इस समय तीन दिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम से ऑस्ट्रेलिया के कई उद्योगपतियों ने मुलाकात की है। पीएम ने ऑस्ट्रेलिया सुपर के सीईओ पॉल श्रोडर, फोर्टेस्क्यु फ्युचर इंडस्ट्रीज के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन डॉ एंड्रयू फॉरेस्ट और हैनकॉक प्रोस्पेक्टिंग की एग्जीक्यूटिव चेयरमैन जीना रिनेहार्ट से मुलाकात की। पीएम ने इन उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। इन उद्योगपतियों ने पीएम से मिलने के बाद उनकी खूब तारीफ भी की।
इन सेक्टर्स में बढ़ाना चाहते हैं पार्टनरशिप
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं। इसमें डिफेंड और सुरक्षा संबंधों के साथ ही एजुकेशन, वाटर, क्लाइमेट चेंज, स्पोर्ट्स, साइंस, हेल्थ, कल्चर, नई तकनीक, क्लीन एनर्जी और साइबर स्पेस सहित कई दूसरे सेक्टर भी शामिल हैं।
पीएम ने सिडनी में हैनकॉक प्रॉस्पेक्टिंग ग्रुप, रॉय हिल और एस किडमैन एंड कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरैमैन जॉर्जीना होप राइनहार्ट से साथ भी मीटिंग की। इस मीटिंग से खनन और खनिज सेक्टर में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। भारत इस समय पूरी दुनिया के लिए निवेश के हिसाब से एक आकर्षक जगह बन रहा है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई बिजनसमैन भी भारत के साथ व्यापार बढ़ाना चाहते हैं।
पॉल श्रोडर ने की मोदी की तारीफ
ऑस्ट्रेलियन सुपर के सीईओ पॉल श्रोडर ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उनकी काफी तारीफ की। श्रोडर ने कहा, ‘यह हमारी सबसे पावरफुल मीटिंग थी। पीएम एक बहुत ही पावरफुल पर्सन हैं। वे बिजनस को समझते हैं और यह हमारे लिए काफी उत्साहजनक बात है। पीएम ने मीटिंग में भारत के लिए उनके सपनों और अपनी नैतिकता की बात की। यह एक पावरफुल मैसेज था।’
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंध
ऑस्ट्रेलिया, भारत का 17वां सबसे बड़ा बिजनस पार्टन है। वहीं, भारत, ऑस्ट्रेलिया का 9वां सबसे बड़ा बिजनस पार्टनर है। साल 2021 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 27.5 अरब डॉलर रहा था। 5 साल में इसके 50 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दिसंबर 2022 में मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इससे ऑस्ट्रेलिया को होने वाले भारतीय निर्यात के 96 फीसदी पर शुल्क तत्काल कम हो गया। वही, भारत को ऑस्ट्रेलिया के 85 फीसदी निर्यात पर शुल्क जीरो हो गया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया जापान के साथ त्रिपक्षीय व्यवस्था SCRI में भी पार्टनर हैं, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सप्लाई चेन्स के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए है।
चीन फैक्टर
भारत और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत संबधों के पीछे चीन फैक्टर भी है। वो कहते हैं ना कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। ऑस्ट्रेलिया और चीन के रिश्ते कई वजहों से तनावपूर्ण हुए हैं। चीन ने ऑस्ट्रेलियाई निर्यात पर बिजनस रिस्ट्रिक्शंस लागू कर सभी मंत्रीस्तरीय संपर्क समाप्त कर दिये थे। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही एक फ्री और ओपन हिंद-प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं। दोनों ही देश क्वाड में शामिल हैं। दोनों के अलावा इस संगठन में अमेरिका और जापान भी शामिल है।
Compiled: up18 News