उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर के नानकमत्ता डेरे के प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मुख्य अभियुक्त की देर रात हरिद्वार में एक पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. 28 मार्च की सुबह नानकमत्ता डेरे में बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. इनमें से चार को हत्या का षड्यंत्र रचने और तीन को अपराध में सहायता करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. हत्या के मुख्य आरोपी अब तक फरार थे. इनमें से गोली चलाने वाला अमरजीत सिंह उर्फ़ बिट्टू बीती रात मुठभेड़ में मारा गया.
एसपी सिटी रुद्रपुर मनोज कत्याल ने बताया कि डेरा कार सेवा नानकमत्ता के प्रमुख बाबा तरसेम हत्याकांड में चार नामजद अभियुक्तों में से एक अमरजीत सिंह बिट्टू की मौत के बाद अब हत्या में शामिल सरबजीत और षड्यंत्र में शामिल सतनाम और सुल्तान की तलाश जारी है.
गढ़वाल रेंज के आईजी करन सिंह नगन्याल ने बताया कि चूंकि आरोपियों की पहचान हो चुकी थी, उनके घर-परिवार के बारे में पुलिस को पूरी जानकारी थी और पुलिस उनके छिपने की सभी संभाावित जगहों, लोगों पर नज़र रखे हुए थी.
उन्होंने बताया, “पुलिस को सूचना मिली थी कि संदिग्ध बदमाश मोटरसाइकिल से उत्तराखंड से भागने की कोशिश कर रहा है इसलिए कुमाऊं, गढ़वाल की एसटीएफ़़ ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर घेराबंदी की.”
आईजी के अनुसार भगवानपुर के पास पुलिस ने मोटरसाइकिल सवार संदिग्ध बदमाशों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर फ़ायर कर दिया जिसके बाद जवाबी फ़ायर में अभियुक्त को गोली लग गई. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
पत्रकारों के सवाल के जवाब में आईजी ने कहा कि बिट्टू के साथ मोटरसाइकिल पर सवार दूसरा व्यक्ति मुठभेड़ के दौरान फ़रार हो गया. उसकी तलाश की गई लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया.
बता दें कि इस मामले में पुलिस पर काफ़ी दबाव था क्योंकि बाबा तरसेम और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काफ़ी अच्छे संबंध थे.
मुख्यमंत्री बाबा तरसेम की हत्या के बाद उनके अंतिम दर्शन करने भी डेरे में पहुंचे थे और पुलिस को इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का आदेश था.
-एजेंसी
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