गीतकार डॉ. अवनीश राही का शिक्षक से साहित्यकार तक का सफरनामा

विविध

गीतकार डॉ.अवनीश राही साहित्य-जगत का वो सशक्त हस्ताक्षर है जिसने गीत, गजल, नज़्म,कविता,मुक्तक ही नहीं अपितु लेखन की लगभग हर विधा पर अपनी कलम चलाई है। गीतकार राही के गीत आॅलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी खुश्बू बिखेेर रहे हैं।

जन्म एवं शिक्षा :

गीतकार डॉ. अवनीश राही का जन्मदिन यूँ तो 11 जुलाई को मनाया जाता है किन्तु हिन्दू पंचांग के अनुसार संयोग कहें या प्रकृति की मंशा, ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के जन्म के दिन बसंत पंचमी को हुआ। उनका जन्म 1974 को अलीगढ़ मुख्यालय से 40 किमी दूर ग्राम लोहगढ, तहसील- अतरौली के एक सामान्य परिवार में हुआ और कुछ समय पश्चात उनके पिता सरकारी सेवा में चयनित हो गये जो बाद में “व्यापार कर अधिकारी” पद से सेवानिवृत्त हुए। परन्तु पिता सरकारी सेवा में होने के बावजूद एक प्रख्यात कवि और जाने-माने साहित्यकार हैं। उनकी दर्जनों पुस्तके,काव्य-संग्रह,महाग्रंथ, महाकाव्य तथा ओडियो-वीडियो कैसेट/सी.डी./ डी.वी.डी. सहित डॉ. अम्बेडकर पर बनी म्यूजिकल फिल्म टी-सीरिज से जारी हो चुकी हैं।
गीतकार डॉ.अवनीश राही भी अपने पिता की भांति स्वाभाविक रूप से बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न हैं।इसकी बानगी इससे विदित होती है कि मात्र 10 वर्ष की बाल अवस्था में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या पर अपना प्रथम गीत लिखकर साहित्य-फलक पर सफलता की महापटकथा लिखने की दस्तक दे दी थी। स्नातक के बाद बी.एड. फिर स्नातकोत्तर और फिर आई. जी. डी. मुम्बई तक की पढाई करने के बावजूद सरकारी नौकरी कदापि नहीं करना चाहते थे बल्कि मुंबई में सफल गीतकार के रुप में स्थापित होना चाहते थे, परन्तु अपने माता-पिता की इच्छा शिरोधार्य कियारते और वर्ष 2004 में पी.जी.टी.परीक्षा उत्तीर्ण कर उत्तर प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त कर सरकारी सेवा में शामिल हो गए। वर्तमान में वे हीरालाल बारहसैनी इण्टर कॉलिज,अलीगढ़ के कला संकाय में विभागाध्यक्ष हैं।

मौन साधक की भांति गीतों की रचना :

सरस्वती पुत्र की उपाधि से विभूषित गीतकार डॉ.अवनीश राही को कलम और कविता अपने पिता कवि अमरसिंह राही से विरासत में उपहार स्वरुप प्राप्त हुईं। बाल्यकाल से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी गीतकार राही की महज 15 वर्ष की बाल अवस्था में ही प्रथम पुस्तक “भक्तों की पुकार” नारायण दास बुकसेलर, नयागंज, हाथरस से प्रकाशित हुई तथा 17 वर्ष की किशोर अवस्था को छूते-छूते 10 गीतों का ओडियो म्यूजिक एलबम “काली चुनरी”, राहुल कैसेट डिबाई, बुलन्दशहर से रिलीज हुआ। और तब से अब तक टिप्स, वीनस,लारा, टी-सीरीज, चन्दा, सिसोदिया, शबनम, राहुल, जेवीएल, ट्रेजर, नरजिस सहित लगभग समस्त कम्पनियों से तमाम ओडियो/वीडियो ,सी.डी.,/डी.वी.डी. आदि रिलीज़ हो चुके हैं जिनमें उदित नारायण, कुमार सानू, साधना सरगम, अनूप जलोटा, विनोद राठौड़, शाहिद माल्या, शबाब साबरी, देबाशीषदास गुप्ता, खुश्बू जैन,तृप्ति शाक्या, इन्दु सोनाली, दामोदर राव,राजा हसन सरीखे पार्श्व गायक अपनी आवाज दे चुके हैं।

साहित्यिक उपलब्धियां :

गीतकार डॉ.अवनीश राही की लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें (राही की कालजयी रचनाएं) कलम की वेदना,उन दिनों-1992, जीवन ज्ञानपुन्ज, भक्तों की पुकार, ज़ख्मी कलम-सिसकते नगमें,भीम गर्जना, राजीव गाँधी अमर रहेंगे आदि प्रमुख हैं।

इसके इतर गीतकार राही हिन्दी फिल्मों के लिए मुंबई में गीत भी लिख रहे हैं, जैसे- ड्रीम सिटी मुंबई, डान्स इज किंग, मिशन आॅवर, राष्ट्र माता सावित्रीबाई,ये प्यार तो हमेशा रहेगा इत्यादि।

आज गीतकार राही के लिखे गीतों की म्यूजिकल एलबमों की भी लम्बी फेहरिस्त है जिनमें दिल-ए-नादान माने ना, मैं हूँ तेरा दीवाना, महाकारूणिक दा लॉर्ड बुद्धा,मानव-मानव एक समान, सॉई-अमृतधारा,मैं हूँ ब्यूटी क्वीन, आ जाओ मेरे सॉई देवा,संविधान के रचैया दुनिया से जा रहे हैं, साँई चालीसा, अण्डे का फण्डा, राधा का दीवाना तू श्याम,राम कहानी, साई तुम मेरे हो, मेरे बाबा भीम आजा, साई मंत्र, डॉ. अम्बेडकर जीवनगाथा, शिरडी के साईबाबा की महिमा, सुनो रे भीम कहानी आदि लगभग 100 ऑडियो/वीडियो म्यूजिक एलबम रिलीज हो चुके हैं ।

इतना ही नहीं गीतकार राही की कई म्यूजिकल फिल्म भी रिलीज हो चुकी हैं जिसमें *”सुनो रे भीम कहानी”* खासी चर्चा में रहीं। वहीं गुलशन कुमार एन्ड सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज (टी-सीरिज) से जारी म्यूजिकल फिल्म *”डा.भीम राव अम्बेडकर जीवन गाथा“* ने कई कीर्तिमान स्थापित किए। तथा करोड़ो दर्शकों द्वारा सराहा गया।

पिता के संयुक्त लेखन साहित्य सृजन:

शान्त स्वभाव के गीतकार डॉ.अवनीश राही ने अपने पिता कवि अमर सिंह राही के संयुक्त लेखन में लगभग 530 पृष्ठों और सात काण्डों में “भीमचरित मानस महाकाव्य” की रचना की, जिसमें दोहा, चौपाई,छंद, लावनी, सवैया, बहरतब्बील, चौबोला, राधेश्याम, आल्हा, गीत, भजन, रागिनी, संवाद आदि पारम्परिक लोक-विधाओं का बेजोड समावेश दिखता है। सम्यक प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित इस महाकाव्य का विमोचन महामहिम उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी के कर-कमलों द्वारा किया गया।
इसी कड़ी में अपने पिता के संयुक्त लेखन में तथागत गौतम बुद्ध व उनका धम्म पर आधारित इन्हीं पारम्परिक लोक विधाओं में “बुद्ध ज्ञान महासागर” पवित्र धम्म ग्रंथ की रचना की। इसमें तथागत बुद्ध के जीवन एवं धम्म का आदि से अंत तक बहुत ही मार्मिक चित्रण किया गया है। साथ ही इसमें बुद्ध के अमूल्य वचनों से सराबोर लगभग 800 दोहों को भावार्थ सहित समाहित किया गया है। इस महान पवित्र धम्मग्रंथ का विमोचन तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय डॉ मनमोहन सिंह के कर-कमलों किया गया। और इसी क्रम में हाल ही में कांशीराम के जीवन संघर्ष से ओत-प्रोत महाकाव्य “कांशीराम चरितमानस” विश्व विख्यात “सम्यक प्रकाशन” नयी दिल्ली से प्रकाशित हो चुका है जिसका विमोचन अगले माह होना संभावित है।

विभिन्न उपाधियों एवं पुरस्कारों से सम्मानित :

गीतकार डॉ.अवनीश राही वर्ष 2001 से फिल्म एंड स्क्रीन राईटर्स एसोसिएशन, मुंबई (WFA) के आजीवन सदस्य के साथ-साथ इंडियन परफॉर्मिग राईटर्स सोसायटी (IPRS) के भी आजीवन सदस्य हैं। गीतकार डॉ.राही के असाधारण व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर कई डॉक्यमेंट्री फिल्में भी निर्मित हो चुकी हैं, जिनमें ‘काव्य रसधारा’ तथा ‘हौसलों की उड़ान’ डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रसारण टी.वी. पर भी किया जा चुका है

गीतकार डॉ.अवनीश राही को प्राप्त सम्मानों एवं पुरस्कारों की भी एक लंबी फेहरिस्त है, उन्हें अभी तक 48 बार सम्मानित किया जा चुका है। वहीं अनेकों पुरस्कार/अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। जैसे- सरस्वती पुत्र, अलीगढ़ रत्न, साहित्य गौरव, डॉ. अम्बेडकर रत्न, लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड, सम्यक साहित्य रत्न सम्मान,डॉ. अम्बेडकर फैलोशिप सहित दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के कर-कमलों द्वारा दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में स्वर्णपदक सम्मान।

विभिन्न विभूतियों द्वारा भी डॉ.राही के तमाम म्यूजिक एलबम/काव्य-संग्रह या ग्रंथों का विमोचन किया जा चुका है, जिनमें महामहिम राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी, महामहिम उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी, महाकवि पदमभूषण स्वर्गीय डॉ. गोपालदास ‘नीरज’, प्रसिद्ध संगीत निर्देशक रविन्द्र जैन,राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अध्यक्ष माननीय पी.एल.पुनिया,सुप्रसिद्ध बॉलीवुड पार्श्वगायक कुमार सानू, पद्मभूषण उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल,सिने अभिनेता राज बब्बर आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

विद्या वाचस्पति डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि व अंतरराष्ट्रीय सम्मान नेपाल

जहाँ एक ओर पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ भारत सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने गीतों को नया आयाम देने वाले,शिक्षाविद् *गीतकार अवनीश राही* की शिक्षा, योग्यता एवं 40 वर्षों के लम्बे अनुभव को देखते हुए कला, साहित्य,संस्कृति, शिक्षण एवं गीत-लेखन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने पर उनके अतुलनीय योगदान हेतु उन्हें *”विद्या वाचस्पति डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि 2024″* के “सर्वोच्च सम्मान” से सम्मानित किया। वहीं दूसरी ओर नेपाल संस्कृति और फिल्म केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में MBM नेपाल में 2024 का प्रतिष्ठित *इन्टरनेशनल अचीवमेंट अवार्ड बैस्ट राईटर आॅफ दा ईयर* से सम्मानित किया गया।